देखिए लद्दाख में कैसे मन रहा है जश्न, अलग प्रदेश बनने पर झूमे लोग
   06-अगस्त-2019
 
 
 
पिछले 30 साल से लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाये जाने की मांग उठ रही थी। जिसके मोदी सरकार ने 5 अगस्त यानि सोमवार को पूरा कर दिया। जब राज्यसभा ने जम्मू कश्मीर को 2 केंद्रशासित प्रदेशों में तब्दील करने पर मुहर लगा दी। यानि लद्दाख को आखिरकार कश्मीर केंद्रित राजनीति से हमेशा के लिए मुक्ति मिल गयी। जाहिर है फैसले के बाद पूरे लद्दाख क्षेत्र में खुशी की लहर है।
 
 
 
 
 
 
 
1989 में लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन के गठन हुआ। लद्दाख को कश्मीर से अलग कर इसे यूनियन टेरिटरी (केन्द्र शासित प्रदेश) बनाया जाए। 2002 में लद्दाख यूनियन टेरिटरी फ्रंट के गठन के साथ इस मांग को लेकर सियासत और तेज हो गई। इसी मुद्दे को लेकर 2004 में लद्दाख यूनियन टेरिटरी फ्रंट के उम्मीदवार थुप्स्तन छिवांग सांसद बने। इसके बाद थुप्सतन 2014 में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में लद्दाख से फिर से सांसद बने। 2019 में यूनियन टेरेटरी फ्रंट की मांग को लेकर चुनाव लड़ने वाले भाजपा के जमयांग सेरिंग नामग्याल भी जीतकर संसद पहुचें। इनका सीधा अर्थ ये निकलता है कि लद्दाखवासियों के लिए लद्दाख का यूनियन टेरिटरी (केन्द्र शासित प्रदेश) बनने का मुद्दा कितना जरुरी था। उन्होंने बार-बार उसी उम्मीदवार में विश्वास जताया जोकि लद्धाख अलग पहचान दिला सके। जो लद्दाख को कश्मीर से छुटकारा दिला सके।
 
लद्दाख की जीत के असली हीरो थुप्स्तन छिवांग
लद्दाख को यूनियन टेरेटरी फ्रंट बनाने के मुद्दे पर दो बार सांसद चुने गए थुप्स्तन छिवांग लद्दाख की जीत के असली हीरो हैं। थुप्स्तन ने पिछले चालीस सालों से यूनियन टेरेटरी की मांग को लेकर एक बड़ी लड़ाई लड़ी है। छिवांग ने वर्ष 1989 में लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन की कमान संभाली थी। 2014 में एनडीए सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें यह मांग पूरी होती नही दिखी तो उन्होंने विरोध में सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया। भाजपा सरकार के बहुत मनाने के बाद भी वह 2019 में भाजपा के उम्मीदवार बनने के लिए तैयार नही हुए। थुप्स्तन ने लद्दाख के इस जीत श्रेय लद्दाखवासियों को दिया , जिन्होंने कभी इस मुद्दे से हटकर हार नहीं मानी।
 
लद्दाख का यूनियन टेरेटरी बनना वहां की बड़ी मांग
 
गृहमंत्री अमित शाह ने भी लोकसभा में कहा कि-“ लद्दाख की मांग थी कि लद्दाख को यूनियन टेरेटरी बनाया जाएं। जिसके तहत हम जम्मू कश्मीर में दो यूनियन टेरेटरी लेकर आ रहे है, एक क्षेत्र लद्दाख क्षेत्र की होगी , जिसमें अक्साई चीन भी समाहित होगा और वहां दोनों हिल काउंसिल जो बनी है, वो चालू रहेगी। हिल काउंसिल के अध्यक्ष को मंत्री का दर्जा दिया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों की पूरी आवाज हिल काउंसिल के अंदर सुनाई देगी। दूसरा जम्मू कश्मीर यूनियन टेरेटरी बनेगी, जहां पर विधानसभा होगा। वहां पर एमएलए भी होगे, मुख्यमंत्री भी होगे। जो जम्मू कश्मीर का सारा प्रशासनिक कार्य भी करेगें।“
लद्दाख बिना विधानसभा का केन्द्र शासित प्रदेश होगा। लद्दाख के क्षेत्र में लेह और कारगिल दो जिले आएंगे।
 
 
 

 
 
 
थ्री इडिट्स फिल्म के असली हीरो ने भी नरेन्द्र मोदी को कहा धन्यवाद
 
थ्री इडियट्स फिल्म में आमिर खान का किरदार वास्तविक दुनिया के सोनम वांगचुक से प्रेरित है। सोनम एक इंजीनियर है, और बीते 20 साल से लद्दाख में काम कर रहे है। वो लद्दाख में स्टूडेंट एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SEMCOL) के नाम से मूवमेंट चला रहे हैं। लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश बनाएं जाने पर उन्होंने ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पूरे लद्दाख की तरफ से धन्यवाद कहा है।