कश्मीर के सेब किसानों-व्यापारियों के लिए केंद्र सरकार की बंपर स्कीम, सरकार डायरेक्ट खरीदेगी सेब, भुगतान डायरेक्ट किसान के खाते में
    10-सितंबर-2019


 
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में सेब की खेती करने वाले किसानों-व्यापारियों को सीधा फायदा पहुंचाने का फैसला किया है। इसके तहत सरकार 12 लाख मिट्रिक टन सेब सीधे किसानों से खरीदे जाएंगे और उन्हें आगे बाहर की मार्केट में सरकार खुद सप्लाई करेगी। इसकी राशि सीधे किसानों के खाते में पहुंचेगी। सरकार की योजना के मुताबिक मार्केट इन्टरवेंशन प्राइस स्कीम के तहत 15 दिसंबर तक सेब की खरीद पूरी कर ली जायेगी।
 
चीफ सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रमण्यम ने कश्मीर डिविज़न के अधिकारियों के साथ बैठक कर केंद्र सरकार की इस योजना की जानकारी दी। ताकि वो कश्मीर घाटी के सेब व्यापारियों से बात कर उनको इसका लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करें। स्पेशल (MISP) को लागू किए जाने पर बात हुई।
 
दरअसल कश्मीर घाटी में लागू आंशिक पाबंदियों और आतंकियों की लगातार धमकियों के बाद सेब व्यापारियों को इस सीज़न में सेब को राज्य से बाहर पहुंचाने में दिक्कत हो रही थी। लेकिन केंद्र सरकार की इस स्कीम से सीधा किसानों को लाभ होगा, उनकी खपत बढ़ेगी और सेब की सप्लाई भी होगी। खास बात ये है कि अब पैसा सीधे किसानों के खाते में जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक स्कीम से घाटी के किसानों की इनकम करीब 2000 करोड़ रुपये तक की बढोत्तरी होने की संभावना है।
 
 

 
 
केंद्र सरकार ने इस स्कीम के लिए 8 हजार करोड़ रू का बजट आवंटित किया है। जिसका इस्तेमाल अगले 6 महीनों में होना है। यानि 1 सितंबर से अगले साल 1 मार्च तक इस योजना के तहत सेब की खरीदारी होगी। सेब किसानों को बारामूला, श्रीनगर, शोपियां और अनंतनाग की मंडियों तक सेब लाना होगा, यहीं से केंद्र सरकार डायरेक्ट सेब खरीदेगी और किसान अपनी बैंक डिटेल देंगे जिससे सरकार डायरेक्ट भुगतान करेगी।
 
सरकार सेब को तीन कैटेगरी में बांटकर मार्केट रेट के हिसाब से उनका प्राइस तय करेगी। सेब की क्वालिटी और कैटेगरी तय करने के लिए कमेटियां बनायीं जायेंगी। जिस पर सरकार की सीधे नज़र होगी। जाहिर है सरकार की इन स्कीम के बाद कश्मीर घाटी के सेब न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय बाज़ार तक आसानी से पहुंचेंगे, बल्कि किसानों को भारी लाभ होगा।