भद्रवाह में गुज्जर-बक्करवाल मुस्लिमों ने तिरंगे के साथ शान से आयोजित की परंपरागत घोड़ों की रेस
    11-सितंबर-2019

 
जम्मू कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में जिंदगी अपनी गति से बेरोकटोक चल रही है। बल्कि अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के बाद इन इलाकों नया जोश औ नयी उमंग देखने को मिल रही है। भद्रवाह के पडरी गली में जोश का ऐसा ही उफान देखने को मिला गुज्जर-बक्करवाल समुदाय की परंपरागत घोड़ों की रेस के आयोजन में। करीब साढ़े 12 हज़ार फीट की ऊंचाई पर घोड़ों की ये रेस पूरी आन-बान-शान से मनाई गयी। इस दौरान गुज्जर-बक्करवाल मुस्लिम आयोजकों ने शान से तिरंगे लहराकर साफ संदेश दिया।

 
 
रेस के दौरान स्थानीय लोगों में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद खासा जोश और नयी उम्मीद देखने को मिली। आपको बता दें कि अनुच्छेद 370 के चलते राज्य की आदिवासी जातियों गुज्जर-बक्करवाल को एसटी का दर्जा तक हासिल नहीं था। जिसकी वजह से विकास और राजनीति की दौड़ में ये समुदाय हमेशा सबसे अंत में खड़े किये गये।
 
 
 
लेकिन अनुच्छेद 370 के हटने के बाद गुज्जर-बक्करवाल समुदाय को नौकरियों और राजनीति में आगे बढ़ने की पूरी संभावना दिखायी दे रही है।