सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर से पाबंदियां हटाने से फिर किया इंकार, 16 सितंबर को होगी सुनवाई, महबूबा मुफ्ती की बेटी को मुलाकात की इजाजत, शहर में घूमने की नहीं
   05-सितंबर-2019

 
सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को जम्मू कश्मीर में लगी पाबंदियों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई की। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर घाटी में लगायी गयी पाबंदियों को हटाने पर तुरंत फैसला देने से मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आगामी 16 सितंबर की तारीख फिर से इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तय की है। कश्मीर टाइम्स की एडिटर अनुराधा भसीन द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस भी जारी किया।
 
दरअसल कश्मीर टाइम्स की एडिटर अनुराधा भसीन ने एक एडिशनल एफिडेविट सबमिट की थी, जिसमें पर सुनवाई के दौरान वकील वृंदा ग्रोवर ने तर्क पेश किया कि राज्य में मीडिया अभी भी काम नहीं कर पा रहा है और वहां पर स्थिति सामान्य नहीं है। जिसके बाद कोर्ट ने तुरंत को आदेश जारी करने से मना कर दिया।
 

 
 
इस दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही हैं। 80 फीसदी से ज्यादा फोन कनेक्शन चालू किये जा चुके हैं। इसके अलावा अटॉर्नी जनरल ने साफ किया कि मरीजों को अस्पताल में भरती करने में पाबंदियों की खबर झुठी हैं। बल्कि कश्मीर घाटी में लगभग 7 लाख मरीज ओपीडी में इलाज, 4000 से ज्यादा मरीजों की गंभीर सर्जरी और 40 हज़ार मरीजों की माइनर सर्जरी की जा चुकी है।
 
 
इसी बीच महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिज़ा की अपील पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर ने इल्तिज़ा को श्रीनगर में महबूबा मुफ्ती से मिलने की इजाजत दे दी। इससे पहले कोर्ट ने पूछा कि उन्हें चेन्नई से श्रीनगर जाने में उन्हें क्या बाधा पेश आई, तो इसके जवाब में इल्तिजा ने कहा कि पिछली बार उसे मां महबूबा मुफ्ती से मिलने से रोक दिया गया था और घर से बाहर निकलने पर भी रोक लगा दी गयी थी। इस पर अटॉर्नी जनरल ने साफ किया कि उन्हें श्रीनगर जाने से रोकने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इल्तिज़ा मुफ्ती को उनकी मर्जी के दिन श्रीनगर जाने और महबूबा मुफ्ती से मिलने की इजाजत दे दी। लेकिन इल्तिज़ा की वकील सीनियर काउंसिल नित्या ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि इल्तिज़ा को श्रीनगर में बिना किसी रोकटोक के घूमने की भी इजाजत दी जाये। इस पर कोर्ट ने कहा कि ये संबंधित अथॉरिटी के अधिकारों का मामला है, जिसमें वो दखल नहीं देंगे।
 
इसके अलावा सीपीएम लीडर सीताराम येचुरी के वकील राजू रामचंद्रन ने अपने साथी मोहम्मद युसूफ तारीमागी से मिलने के बाद कोर्ट को बताया कि सीपीएम लीडर तारिगामी का सिक्योरिटी वाहन वापस ले लिया गया है। वो अभी डिटेंशन में हैं और बीमार हैं। जिसपर कोर्ट ने बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स में शिफ्ट करने का आदेश दिया है।