साबुत लेकिन टेढ़ी स्थिति में लैंड हुआ विक्रम लैंडर, संपर्क साधने की कोशिश जारी
   09-सितंबर-2019

 
 
विक्रम लैंडर की स्थिति पता चलने के बाद इसरो ने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ से संपर्क स्थापित करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है, जो हार्ड लैंडिंग के बाद इस समय चंद्रमा की सतह पर है। मिशन से जुड़े इसरो के मुताबिक ऑर्बिटर के कैमरे से भेजी गईं तस्वीरों से पता चला है कि ये तय जगह के बेहद नजदीक एक ‘हार्ड लैंडिंग’ थी। लैंडर वहां पूरी तरह साबुत है, उसके टुकड़े नहीं हुए हैं। हालांकि वह झुकी हुई स्थिति में है।
 
इसरो ने बताया-, ‘‘हम लैंडर के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।यहां इसरो के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) में एक टीम इस काम में जुटी है।’’
 
आपको बता दें कि ‘विक्रम’ का शनिवार को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के प्रयास के अंतिम क्षणों में उस समय इसरो के कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया था जब यह चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था। लैंडर के भीतर ‘प्रज्ञान’ नाम का रोवर भी है।
 
लैंडर और रोवर की मिशन अवधि एक चंद्र दिवस यानी कि धरती के 14 दिनों के बराबर है। इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने शनिवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी लैंडर से संपर्क साधने की 14 दिन तक कोशिश करेगी। उन्होंने रविवार को लैंडर की तस्वीर मिलने के बाद यह बात एक बार फिर दोहराई थी।