POJK पर आर्मी चीफ का सीधा संदेश, " जब भी देश की संसद कहेगी, वापिस ले लेंगे #PoJK"
   11-जनवरी-2020

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पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) को लेकर जब देश की संसद आदेश देगी , तब हम तुरंत उचित कार्रवाई कर के पीओजेके वापिस ले लेंगे। भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे ने शनिवार को दिल्ली में अपनी पहली मीडिया कांफ्रेंस के दौरान यह बात कही। मीडिया द्वारा पीओजेके के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह एक संसदीय संकल्प है कि संपूर्ण जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है। संसद के आदेश के बाद सेना तुरंत उचित कार्रवाई करेगी।
 
 
 
उन्होंने कहा कि सेना के रूप में हम भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेते हैं। जो हमें हर हमारे कार्यों के प्रति मार्गदर्शन करता है। संविधान में न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व हमारा मार्गदर्शन करता हैं।
 
 
 
 
उन्होंने कहा की जवानों को दिये जा रहे प्रशिक्षण का मुख्य फोकस भविष्य के युद्धों के लिये सेना को तैयार करने पर होगा, जो कि नेटवर्क केंद्रित और जटिल होगा। यही वह केंद्र है जहां हमारे प्रशिक्षण का जोर होगा। हमारा ध्यान सेना के भीतर सभी सेवाओं के बीच एकीकरण पर है। हम सबको साथ लेकर चलेंगे। उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) को लेकर कहा कि सैन्य मामलों के विभाग का निर्माण एकीकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है और हम अपनी ओर से यह सुनिश्चित करेंगे कि यह सफल रहे।
 
 
एमएम नरवाणे ने आने वाले दिनों में सेना को लेकर अपनी दूरदर्शिता को साझा करते हुये कहा कि आने वाले दिनों में सेना में गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा न कि तादाद पर। फिर चाहे सेना के लिए उपकरण खरीदने हो या फिर जवानों की भर्ती की बात हो। उन्होंने कहा कि हमें भविष्य के लिए जवानों को प्रशिक्षण देकर तैयार करना है। उन्होंने कहा कि दो साल पहले की तुलना में आज सेना बेहतर तैयार है।
 
 
चीन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र में किये जा रहे सैन्य बुनियादी ढांचे के विस्तार को लेकर उन्होंने कहा कि हम उत्तरी सीमा पर उभरी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं। पुंछ सेक्टर में पाकिस्तानी सेना द्वारा दो निहत्थे नागरिकों की हत्या पर उन्होंने कहा कि हम इस तरह की बर्बर गतिविधियों का सहारा नहीं लेते हैं। भारतीय सेना एक बहुत ही पेशेवर सेना के रूप में लड़ती हैं। हम ऐसी स्थितियों से उचित सैन्य तरीके से निपटेंगे।
 
 
 
सेनाध्यक्ष ने सियाचिन को लेकर कहा कि सियाचिन हमारे लिये बहुत महत्वपूर्ण है, जहां एक टुकड़ी पश्चिमी और उत्तरी मोर्चों की देखभाल कर रहा है। यह रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण है। यह वहीं जगह है जहां पर सांठ-गांठ हो सकती है।
 
 
 
 
कश्मीर घाटी में तैनात सेना के अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों पर सेनाध्यक्ष ने कहा कि जमीन पर कमांडर के निर्णय का सम्मान किया जाना चाहिए। जो भी शिकायतें दर्ज हुई थीं वह सभी निराधार साबित हुई हैं।
 
 
 
उन्होंने सेना में अधिकारियों की कमी पर कहा कि अधिकारियों की कमी है, क्योंकि इसके लिए आवेदन करने वाले लोगों की कमी है। हमने बल में अधिकारियों के चयन के लिए मानकों को कम नहीं किया है। उन्होंने बताया कि छह जनवरी से 100 महिला जवानों के पहले बैच का प्रशिक्षण सैन्य पुलिस में शामिल होने के लिए शुरू हो गया है।
 
 
 
 
सेनाध्यक्ष ने बताया कि पाकिस्तान और चीन सीमा पर सेना को संतुलित करने की आवश्यकता है। क्योंकि उत्तरी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर समान ध्यान देने की आवश्यकता है। तैयारियों को लेकर उन्होंने कहा कि हम पहले की तुलना में आज ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी सीमाओं पर जहां खतरा ज्यादा है, वहां पर सेना के एक इकाई को छह अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर दिये जाएंगे।
 
 
 
सेना की परिचालन प्राथमिकताओं पर सेनाध्यक्ष ने कहा जहां तक भारतीय सेना का सवाल है हमारे लिए अल्पावधि खतरा घुसपैठ को रोकने के लिए की जाने वाली कार्रवाई है। वहीं दीर्घकालिक खतरा पारंपरिक युद्ध है और इसकी हम तैयारी कर रहे हैं।