"रूस नहीं चाहता यूएन में कश्मीर पर चर्चा हो" - रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव
   17-जनवरी-2020

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मुझे नहीं लगता है कि कश्मीर के हालात का जायजा लेने के लिए मुझे वहां जाने की जरूरत है। जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, यह भारत सरकार का आंतरिक मामला है। यह भारत के संविधान के तहत आता है और उसी आधार पर इसका फैसला होना चाहिये। रुस के राजदूत निकोले कुदाशेव ने शुक्रवार नई दिल्ली में यह बात कही। उन्होंने कहा कि रूस नहीं चाहता कि यूएनएससी में कश्मीर पर फिर से दोबार चर्चा हो। निकोले कुदाशेव ने कहा कि शिमला समझौते और लाहौर घोषणा पत्र के अनुसार यह भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मसला है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन को छोड़कर यूएन में कश्मीर पर चर्चा को लेकर अन्य देशों की सहमति नहीं है।
 
 
 
कश्मीर यात्रा पर जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि कश्मीर के हालात का जायजा लेने के लिए मुझे वहां जाने की जरूरत है। जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार का फैसला है और यह भारत का आंतरिक मामला है। विदेशी राजदूतों द्वारा कश्मीर दौरा पर उन्होंने कहा कि जिन्हें कश्मीर के हालात की चिंता है,कश्मीर की परिस्थितियों को लेकर शक है, वह वहां जाकर खुद देख सकते हैं। रूस ने कभी कश्मीर पर कोई संदेह नहीं किया है।
 
 
 
 
बता दें कि बीते बुधवार को कश्मीर मुद्दे को लेकर चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दोबारा चर्चा की मांग की थी। लेकिन इस पर अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस ने चर्चा करने से मना कर दिया था। इन सभी देशों ने इस मसले पर जारी सभी विवादों को भारत और पाकिस्तान को ही द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाने को कहा था। अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य हैं।