सैयद गिलानी की मौत पर पाकिस्तान में एक दिन का शोक, 3 दशक तक पाकिस्तान की शह पर कश्मीर में खूनी हिंसा के लिए जिम्मेदार
    02-सितंबर-2021
 
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“जिस थाली में खाना उसी में छेद करना” यह मुहावरा अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी पर बिल्कुल ठीक बैठता है। बीते बुधवार की रात करीब 10.30 बजे सैयद अली शाह अपने श्रीनगर आवास पर आखिरी सांस ली थी। सैयद अली शाह भारतीय और कश्मीर इतिहास के वो शख्स हैं, जिन्होंने 3 दशकों से अधिक समय तक कश्मीर घाटी में आतंकवादी को बढ़ावा दिया था। इतना ही नहीं पाकिस्तान की शह पर लाखों हिंदूओँ का कत्लेआम भी कराया था। 1990 में जब पाकिस्तान की शह पर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कश्मीरी हिंदूओं के साथ अत्याचार किया था, उनक बहन-बेटियों के साथ बलात्कार किया था। उस क्रूर हिंसा में भी सैयद अली शाह गिलानी का हाथ था। जिसकी वजह से लाखों कश्मीरी हिंदू अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हुए थे। सैयद अली शाह का पाकिस्तान प्रेम उनकी मौत के बाद भी देखने को मिल रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शोक व्यक्त करते हुए देश में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। वहीं विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ट्वीट करके लिखा है कि  ‘’कश्मीर स्वतंत्रता आंदोलन के मशाल वाहक सैयद अली शाह गिलानी के निधन पर पाकिस्तान शोक व्यक्त करता है। गिलानी ने भारतीय कब्जे की नजरबंदी के तहत आखिर तक कश्मीरियों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। उन्हें शांति मिले और उनकी आजादी का सपना साकार हो।  
 
 
 


अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के शव को उनके आवास के पास एक मस्जिद के कब्रिस्तान में दफनाया गया है। अंतिम संस्कार के दौरान परिजनों व रिश्तेदारों के साथ ही सुरक्षा अधिकारी भी मौजूद थे। अधिकारियों ने कहा कि गिलानी के शव को भारी पुलिस सुरक्षा के बीच मस्जिद के कब्रिस्तान में दफनाया गया है। उनके करीबी सहयोगियों ने बताया कि गिलानी ने हैदरपोरा की मस्जिद में दफनाए जाने की इच्छा जताई थी। लोगों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए पूरे घाटी में सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। वहीं अफवाहों और फर्जी खबरों को फैलने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर बीएसएनएल के पोस्टपेड कनेक्शन और इंटरनेट को छोड़कर मोबाइल फोन सेवाएं बंद कर दी गई हैं। आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि पूरी घाटी में पाबंदियां लगाने के साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी गई है। इस बीच दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग से हुर्रियत नेता और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के अध्यक्ष मुख्तार अहमद वाजा को देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है। सुरक्षा एजेंसी ने सैयद अली गिलानी के निधन के बाद पूरी घाटी में अलर्ट जारी कर दिया है। पुलिस और सुरक्षा बलों की संवेदनशील स्थानों पर तैनाती कर दी गई है। वहीं सभी जिलों के एसएसपी को कानून व्यवस्था बनाए रखने की हिदायत दी गई है।  बता दें कि अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद जून 2020 में सैयद अली शाह ने हुर्रियत (जी) के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। 29 सितंबर 1929 को सोपोर में जन्मे सैयद गिलानी पूर्व में जमात-ए-इस्लामी के सदस्य थे, लेकिन बाद में तहरीक-ए-हुर्रियत का गठन किया था। गिलानी आल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन भी रह चुके हैं। इसके अलावा 1972, 1977 और 1987 में वह सोपोर से विधायक भी थे। सैयद अली शाह को पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त था।