@@INCLUDE-HTTPS-REDIRECT-METATAG@@ देशभक्ति की एक और मिसाल: कश्मीरी अफसर ग़ुलाम जिलानी झारखंड में शहीद

देशभक्ति की एक और मिसाल: कश्मीरी अफसर ग़ुलाम जिलानी झारखंड में शहीद

 
कश्मीर घाटी में जहाँ कुछ नौजवान पाकिस्तान की शह पर पत्थरबाज़ी और आतंकवाद की राह पर हैं, वहीँ अनगिनत कश्मीरी नौजवान ऐसे हैं हैं जो मौका आने पर देश पर जान न्यौछावर करने से नहीं चूकते। ऐसे ही एक जाबांज अफसर थे ग़ुलाम जीलानी खान, सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट पद पर झारखण्ड में तैनात थे। 29 साल के ग़ुलाम गिलानी बारामुल्ला ज़िले के मंजगाम का रहने वाला था।
 
 
 
 
मंगलवार सुबह झारखण्ड में खूँटी के सिंजनी इलाक़े माओवादियों के खिलाफ एक ऑपरेशन को अंजाम दे रहे थे। इस दौरान माओवादियों द्वारा बिछाये बिजली के तारों को हटाने के हादसे में ग़ुलाम गिलानी शहीद हो गए, लेकिन उन्होंने अपने साथियों की जान बचा ली। ग़ुलाम जीलानी का ट्रांसफर यहाँ २ हफ्ते पहले ही हुआ था। ग़ुलाम के घरवालों का कहना है कि वो बेहद तेज़ स्टूडेंट था, पहले एटेम्पट में ही ग़ुलाम का सीआरपीएफ में सलेक्शन हो गया था। ग़ुलाम जीलानी की शहादत के बाद घर में बूढ़े माँ बाप के अलावा 3 छोटे भाई और 2 बहनें बची हैं।