@@INCLUDE-HTTPS-REDIRECT-METATAG@@ J&K अनुच्छेद 370 के कारण वाल्मीकि समुदाय मौलिक अधिकारों से था वंचित - पीएम नरेंद्र मोदी

J&K अनुच्छेद 370 के कारण वाल्मीकि समुदाय मौलिक अधिकारों से था वंचित - पीएम नरेंद्र मोदी


 
 
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के कारण वाल्मीकि समुदाय सभी मौलिक अधिकारों से वंचित था। पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाराष्ट्र के जलगांव में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुये ये बात कही। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 सालों के बाद भी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हमारे वाल्मीकि भाई मानवाधिकारों से वंचित थे। आज मैं भगवान वाल्मीकि के सामने झुकता हूं कि मुझे अपने वाल्मीकि समुदाय के भाइयों को गले लगाने का सौभाग्य मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमारे लिये सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं है, बल्कि भारत का ताज है। विपक्षी दलों पर भी निशाना साधते हुये पीएम मोदी ने कहा जो नेता मगरमच्छ के आंसू लेकर लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे है। क्या वो कश्मीर में धारा 370 वापस ला सकते है ? क्या भारत के लोग उन्हें अनुमति देंगे। जम्मू-कश्मीर में आजादी के 72 साल बाद तक वाल्मीकि समाज हाशिये के समाज पर था। उन्हें सभी मूल अधिकारों से वंचित रखा जाता था।
 
अनुच्छेद 370 के कारण वाल्मीकि समाज का होता था शोषण
 
अनुच्छेद 370 के कारण बीते 63 सालों से जम्मू कश्मीर में रहकर सफाई कर्मचारी का काम कर रहे वाल्मीकि समुदाय के लोगों को जम्मू-कश्मीर का स्थायी निवासी नहीं माना जाता था। इस समुदाय के लोगों की पीढ़ी में किसी भी बच्चें को अच्छी सरकारी नौकरी और सरकारी संस्था में पढ़ने का हक भी नहीं था। अगर कोई छात्र दूसरे राज्य या देश से पढ़ाई करके आता भी था, तो उसे भी सिर्फ सफाई कर्मचारी की ही नौकरी मिलती थी।
 
जम्मू-कश्मीर में वाल्मीकि समाज का इतिहास
 
सन् 1957 में जम्मू कश्मीर के सभी सफाई कर्मचारी वेतन बढ़ाने को लेकर धरने पर बैठे थे। जिसके बाद जम्मू कश्मीर के तत्कालीन प्रधानमंत्री बख्शी गुलाम मोहम्मद ( आजादी के कुछ साल के बाद तक जम्मू कश्मीर सत्ता के प्रमुख को प्रधानमंत्री ही कहा जाता था ) ने पंजाब राज्य से करीब 200 वाल्मीकि समुदाय के परिवारों को जम्मू कश्मीर बुलाया था। कैबिनेट के एक फैसले के अनुसार इन्हें सफाई कर्मचारी के तौर पर नियुक्त करने के लिए बुलाया गया था।