संसद शीतकालीन सत्र के पहले दिन फारूख अब्दुल्ला की रिहाई की मांग पर विपक्ष का हंगामा
   18-नवंबर-2019

 
 
 
 
सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे के साथ शुरू हुआ। विपक्षी पार्टियों ने संसद के बाहर और अंदर दोनों जगह जम्मू कश्मीर को लेकर हंगामा खड़ा किया। पहले पीडीपी दोनों राज्यसभा सांसद ने संसद परिसर में पोस्टर के साथ प्रोटेस्ट करते नज़र आये। 5 अगस्त को राज्यसभा में भारतीय संविधान की प्रति फाड़ने वाले नज़ीर अमहद लावे और मीर फैयाज़ हाथों में प्लैकार्ड लेकर खड़े थे, जिनपर आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी बनाने के विरोध में नारे लिखे थे। 
 
 
 
 
उसके बाद लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस ने फारूख अब्दुल्ला और विपक्षी नेताओं की रिहाई का मामला उठाया। लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि – “108 दिन हो गये हैं, जबसे फारूख अब्दुल्ला हिरासत में हैं। ये क्या जुल्म हो रहा है, हम चाहते हैं कि उन्हें संसद में लाया जाये। ये उनका संवैधानिक अधिकार है।”
 
 
 
 
 
 
इसके बाद विपक्ष के नेताओं लोकसभा में “विपक्ष पर हमला बंद करो, फारूख अब्दुल्ला जी के रिहा करो। वी वॉन्ट जस्टिस” जैसे नारों के साथ जमकर हंगामा किय़ा।
 
 
 
इससे पहले कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर में “अस्थायित्व” का आरोप लगाते हुए संसदीय कार्यवाही को रद्द करने की मांग को लेकर मोशन नोटिस जारी किया था।
 
 
आपको याद होगा कि पिछले सत्र में 6 अगस्त को आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी बनाये जाने और राज्य पुनर्गठन बिल पास होने के बाद संसदीय सत्र समाप्त हो गया था, ऐसे में फिर से संसदीय सत्र शुरू पर जम्मू कश्मीर के मसले पर जमकर हंगामें की आशंका बनी हुई है।
 
 
इसी को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि सरकार तमाम मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। ये जरूरी है कि अच्छी डिबेट हो। बातचीत होनी चाहिए, चर्चा होनी चाहिए। सभी को पार्लियामेंट की चर्चा में हिस्सा लेना चाहिए।