मोदी सरकार का धमाका- अब तक सबसे बड़ा डिफेंस बजट, 3 लाख करोड़ से ज्यादा आवंटित
मोदी सरकार का धमाका- अब तक सबसे बड़ा डिफेंस बजट, 3 लाख करोड़ से ज्यादा आवंटित
भारत दुनियाभर में चौथा सुपरपावर देश का दर्जा हासिल कर चुका है। ऐसे में जरूरी है देश के रक्षा मामले में हमेशा अपग्रेडेशन होती रहे। वहीं पड़ोसी पाकिस्तान और चीन भारत के लिए चुनौती पैदा करते रहते हैं। इसके देखते हुए मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में रक्षा बजट पर खास फोकस दिया है। सरकार ने रक्षा बजट में करीब साढ़े 5 हज़ार करोड़ की बढोत्तरी की है, जिसके बाद रक्षा बजट बढकर 3 लाख करोड़ को पार कर गया है। पार्लियामेंट में अंतरिम बजट पेश करते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमारे सैनिक कठिन हालात में देश की रक्षा करते हैं। सरकार सैनिकों के हित का ध्यान रखती है। उन्होंने बताया कि वन रैंक, वन पेंशन के तहत सरकार ने रिटायर्ड सैनिकों को 35 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। सैनिकों की यह मांग 40 साल से लंबित पड़ी थी।
2018 में मोदी सरकार ने 2,95,511 करोड़ रूपये का आवंटन किया था। साथ ही पिछले साल के बजट में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उद्योग अनुकूल ‘रक्षा उत्पादन नीति 2018’ का ऐलान किया गया था। साथ ही रक्षा उत्पादन क्षेत्र में एफडीआई को उदार बनाने के साथ साथ प्राइवेट इनवेस्टमेंट के दरवाजे खोल दिए गए थे। जिससे देश रक्षा के मामले में ज्यादा आत्मनिर्भर हुआ है।
चीन और पाकिस्तान के साथ तनाव भरे माहौल के बीच डिफेंस सेक्टर के लिए साल 2018 के आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2,95,511 करोड़ रुपये का आवंटन किया था. इस हिसाब से अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने देश के रक्षा बजट में 5000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की है. वहीं साल 2017 में डिफेंस सेक्टर के लिए 2.74 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. इस हिसाब से डिफेंस बजट में 7.81 फीसदी का इजाफा था।
हालांकि जानकार रक्षा बजट में और बढ़ोत्तरी की मांग करते रहे हैं। कुछ दिनों पहले रक्षा मामलों की संसदीय समिति ने भी बीते दिनों रक्षा क्षेत्र का बजट जीडीपी के मौजूदा 1.56 फीसदी से बढ़ाकर 3 प्रतिशत तक करने की सिफारिश की थी। चीन के मुकाबले भारत का रक्षा बजट तीन गुना कम है। अमेरिका अपनी जीडीपी का 4 फीसदी, रूस 4.5, इजराइल 5.2, चीन 2.5 और पाकिस्तान 3.5 फीसदी रक्षा बजट के लिए आवंटित करता है, जबकि भारत 2 फीसदी से भी कम।