पाकिस्तान ने शुरू की डॉलर कमाने की नयी स्कीम, #POJK में 1 लाख डॉलर के बदले लुप्तप्राय राष्ट्रीय पशु मारखोर के शिकार की परमिशन
   11-Feb-2019
 
भारत सरकार जहां शेर और टाइगर जैसी प्रजातियों को बचाने के लिए करोड़ों रूपये खर्च कर स्कीम चला रखी हैं। लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान कुछ डॉलर कमाने के लिए अपने राष्ट्रीय पशु और दुनिया भर में लुप्तप्राय प्रजाति के मारखोर का शिकार करने की परमिशन दे रहा है। वो भी पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर के क्षेत्र गिलगित-बल्तिस्तान में जहां हिमालयन बकरी प्रजाति के पशु मारखोर की थोड़ी-बहुत संख्या बची हुई है, जोकि पाकिस्तान का राष्ट्रीय पशु है। पिछले हफ्ते अमेरिका के शौकीन हंटर ब्रायन किन्सेल हर्लन ने इस लुप्तप्राय प्रजाति के शिकार के लिए 1 लाख 10 हज़ार डॉलर अदा किये। इसके बाद हर्लन ने गिलगित के सस्सी-हारामोश कम्यूनिटी कंज़रवेशन एरिया में शिकार किया। जिसमें हर्लन ने एक बड़े साइज के मारखोर का शिकार करने में कामयाबी हासिल की। देखें इसका वीडियो-
 
 
 
 
हर्लन इस ट्रॉफी को अपने साथ अमेरिका ले जा सकेंगे। हर्लन ऐसे तीसरे शिकारी हैं, जिसने पाकिस्तान में ट्रॉफी हंटिंग की है, इससे पहले एक और अमेरिकन ने 90 हजार डॉलर देकर मारखोर का शिकार किया था। आशंका जताई जा रही है कि गिलगिल-बल्तिस्तान में पाकिस्तान की इस खतरनाक स्कीम के चलते शिकार करने वाले टूरिस्टों की संख्या बढ़ सकती है।
 

 
दरअसल इस गेम को दुनिया भर में ट्रॉफी हंटिंग कहा जाता है। जिसमें जानवरों का शिकार करने के शौकीन जानवरों का शिकार करते हैं और बहादुरी की निशानी के तौर पर उसकी खाल अपने घरों में सजाते हैं। दुनियाभर के देशों में इस गेम पर पाबंदी है। लेकिन कुछ गरीब अफ्रीकन देश जैसे बोत्सवाना में ऐसे ट्रॉफी शिकार किया जाता है लेकिन वहां पर भी कुछ जानवरों के शिकार की इजाजत है। International Union for Conservation of Nature जैसी वाइल्डलाइफ संस्थाओं ने यूएन की मदद से अफ्रीकन देशों में इस तरह की ट्रॉफी हंटिंग पर लगाम लगवायी है। ऐसे में जब दुनियाभर में लुप्तप्राय प्रजातियों के पशुओं को बचाने की मुहिम छिड़ी हुई हैं, पाकिस्तान ऐसा वाहिद मुल्क है जो इसके उलट अपने राष्ट्रीय पशु के शिकार की इजाजत दे रहा है।