@@INCLUDE-HTTPS-REDIRECT-METATAG@@ ये है पाकिस्तानी नागरिकता की कीमत, 400$ के लिए अफगानिस्तान के शहरी बनने को तैयार हैं हजारों पाकिस्तानी

ये है पाकिस्तानी नागरिकता की कीमत, 400$ के लिए अफगानिस्तान के शहरी बनने को तैयार हैं हजारों पाकिस्तानी

 
अगर आप पाकिस्तान और अफगानिस्तान में तुलना करें, तो निश्चित रूप आर्थिक और सैन्य शक्ति के तौर पर पाकिस्तान अफगानिस्तान से कोसों आगे है। लेकिन द नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (NADRA) ने ऐसे 10 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी शहरियों की पहचान की है, जोकि कुछ डॉलर के बदले अफगानिस्तान के शहरी बन वहां बसना चाहते हैं और इन्होंने नाड्रा में रजिस्ट्रेशन भी कराया है।
 
 
नाड्रा चेयरमैन के मुताबिक यूनाइटेड नेशंस हाई कमीशन ने उन पाकिस्तान में रह रहे अफगानी शरणार्थियों के लिए 400 डॉलर आर्थिक सहायता की घोषणा की है, जोकि वापिस अपने देश अफगानिस्तान जाना चाहते हैं।
 
 
बस फिर क्या था, हजारों पाकिस्तानी नागरिकों ने भी फर्जीवाड़ा कर 400 डॉलर पाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन डाला और अफगानिस्तान में बसने को तैयार हो गये। लेकिन जब तमाम रजिस्ट्रेशन अकाउंट्स की जांच की गयी तो नेशनल आइडेंटिटी कार्ड (पाकिस्तान का आधार कार्ड) के बायोमीट्रिक डाटा मिलान से साफ हुआ कि इनमें से काफी पाकिस्तानी हैं। इसे देखकर नाड्रा के ऑफिसर भी हैरान थे, कि आखिर कैसे सिर्फ कुछ सौ डॉलर के लिए पाकिस्तानी शहरी अफगानी बनने को तैयार हो गये। पाकिस्तानी सीनेट की स्टैंडिंग कमेटी के मुताबिक इन पाकिस्तानी शहरियों के एनआईसी कार्ड को ब्लॉक कर दिया है।
 
 
 
70 के दशक में अफगानिस्तान-सोवियत युद्ध के बाद तालिबान हमलों से बचकर करीब 40 लाख अफगानी पाकिस्तान में आकर बस गये थे। लेकिन अफगानिस्तान में 2001 के बाद अमेरिका की मौजूदगी के बाद ज्यादतर अफगान वापिस अपने मुल्क लौट चुके हैं। 2017 के आंक़ड़ों के मुताबिक अब सिर्फ 13 लाख अफगान शरणार्थी पाकिस्तान में बचे हुए हैं।
 
 
 
नाड्रा के मुताबिक अब तक 10 लाख से ज्यादा अफगान शरणार्थी अपने मुल्क अफगानिस्तान लौट चुके हैं, और उन्हें प्रति व्यक्ति 400 डॉलर का मुआवजा दिया गया है।