NDTV की न्यूज़ एडिटर से लेकर AMU स्टूडेंट तक, देखिए देश में किसने और कैसे मनाया पुलवामा अटैक का जश्न
   15-Feb-2019
 
गुरुवार को पुलवामा में आत्मघाती अटैक के बाद कश्मीर में जश्न मनाने और पटाखे फोड़े जाने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। जो कश्मीर में फैले इस्लामी आतंकवाद के जहर की गहराई को साबित करता है, लेकिन उससे हैरान करने वाली और भी कईं तस्वीरें सामने आईं। जिसमें दिल्ली और अलीगढ़ में बैठे लोगों ने पुलवामा अटैक पर इंडिया की न सिर्फ खिल्ली उड़ाई, बल्कि सर्जिकल स्ट्राइक पर भी तंज कसा। इनमें सबसे हैरान करने वाला करने नाम था, NDTV की डिप्टी न्यूज़ एडिटर निधि सेठी का। दिल्ली में रहने और काम करने वाली एनडीटीवी की सीनियर जर्नलिस्ट ने अपने निजी फेसबुक पर एक स्टेट्स पोस्ट किया। जिसमें एक साथ शहीद जवानों, मोदी और सर्जिकल स्ट्राइक तीनों पर तंज कसा गया है, साथ में दिये हैशटैग पर भी नज़र डालिए..।
 
 
 
 
सोशल मीडिया पर इस स्टेटस को लेकर लोगों ने जब सवाल उठाने शुरू किये, तो एनडीटीवी ने एक ट्वीट कर इस जर्नलिस्ट को 2 हफ्ते के लिए सस्पेंड करने की सूचना दी। सिर्फ दो हफ्ते के लिए सस्पेंड.. बहरहाल आप एनडीटीवी से उम्मीद भी क्या कर सकते हैं।
 
 

 
 
पुलवामा अटैक के बाद हमेशा विवादों में रहने वाले एक और संस्थान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र ने फेसबुक पर जश्न मनाया। बासिम हिलाल एएमयू से मैथेमेटिक्स की पढ़ाई कर रहा है। जरा बासिम के फेसबुक स्टेटस पर नज़र डालिए....
 
 

 
 
सोशल मीडिया पर खबरें आने के बाद इस कश्मीरी स्टूडेंट के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, साथ ही एएमयू ने भी इस छात्र को यूनिवर्सिटी से सस्पेंड कर दिया है।
 
पुलवामा हमले के बाद एक और संवेदनहीन स्टेट्स देखने को मिला कश्मीरी मीडिया वेबसाइट The Kashmir Walla की मल्टीमीडिया प्रोड्यूसर सना इरशाद मट्टू का। जोकि साफतौर कश्मीरी मीडिया के चेहरे को बेनकाब करता है।
 
 
 
 
 
जाहिर है इन जर्नलिस्ट साहिबा को कोई कार्रवाई नहीं हुई। ये सिर्फ तीन तस्वीरें नहीं हैं, जब देश में छिपे गद्दारों ने पुलवामा पर जश्न मनाया हो। ऐसे दिल्ली में बैठे की-बॉर्ड छाप पत्रकार हैं, जो इस भयानक हमले की भयावहता को अपने आर्टिकल को जरिये कम करने की कोशिश में जुटे हैं। शहीदों पर नहीं, आत्मघाती हमलावर आतंकी की ह्यूमन एंगल की स्टेरीज़ निकाली जा रही हैं। बुरहान वानी की तरह साबित करने की कोशिश की जा रही है, कि कि आतंकी आदिल असल में कितना मासूम था... एक नैरेटिव खड़ा करके हीरो बनाने की कोशिश की जा रही है।
 
 
The Scroll.in की एग्ज़ीक्यूटिव एडिटर के इस ट्वीट को देखिए.... मैडम एडिटर कैसे सुसाइड अटैकर में से इंसानियत का चेहरा ढूंढ लाई हैं।
 
 

 
 
ऐसी ही एक घिनौनी कोशिश की गुजरात समाचार ने, जिसके बाद लोगों का रिएक्शन और देखने लायक था।
 

 
ये हमला सिर्फ जवानों पर हमला नहीं है, ये भारत की स्वतंत्रता, अखंडता और एकता पर हमला है। ये वक्त है एक होने का, ये वक्त है दिलों में जहर भरे लोगों के खिलाफ आवाज उठाने का... ।