@@INCLUDE-HTTPS-REDIRECT-METATAG@@ दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन कर रहा है अलगावादियों और आतंकियों को डायरेक्ट फंडिंग! NIA की जांच जारी

दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन कर रहा है अलगावादियों और आतंकियों को डायरेक्ट फंडिंग! NIA की जांच जारी

 
 
जम्मू कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढावा देने में दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन सीधे तौर पर शामिल है। टेरर फंडिंग केस में चल रही एनआईए की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। दरअसल टेरर फंडिंग की जांच के दौरान पता चला कि एक अलगाववादी नेता को पाकिस्तान से 7 करोड़ फंड मिला है, ताकि कश्मीर में समस्या बढ़ाई जा सके। इसी जांच को आगे बढ़ाते हुए इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने गुरूग्राम में एक कश्मीरी बिजनेसमैन जहूर अमहद शाह वताली के 1 करोड़ के घर पर छापा मारा था, जिसमें मिले डॉक्यूमेंट और बाकी सबूतों से खुलासा हुआ कि मनी-लॉन्ड्रिंग के जरिये वो हुर्रियत लीडर्स तक फंडिंग में शामिल था। ईडी ने वताली की 7 करोड़ की संपत्ति अटैच कर दी है।
  
इसके बाद जांच में खुलासा हुआ कि बिजनेसमैन वताली हाफिज सईद, आईएसआई और सीधे तौर पर पाकिस्तान हाई कमीशन से पैसा मिल रहा था। जिसको वो सीधे अलगाववादी नेताओं और पत्थरबाज़ों तक पहुंचा रहा था। इसके डॉक्यूमेंट्स नुमा सबूत कश्मीरी बिजनेसमैन वताली के अकाउंटेंट गुलाम मोहम्मद भट के घर पर छापा मारने के बाद मिले।
 
 
 

 गुरूग्राम में वताली के घर ईडी के छापे के दौरान
 
 
ईडी के मुताबिक पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारी द्वारा पैसा मिलने के बाद और हुर्रियत लीडर्स तक पैसा पहुंचाने के बाद वताली अपने सिग्नेचर के साथ एक ऑफिशियल रिकॉर्ड मेंटेन कर रहा था, ताकि उसको कानूनी तौर पर जायज बनाया जा सके। वताली और इससे जुड़े 9 लोग अब तक गिरफ्तार किये जा चुके हैं। जो इस वक्त तिहाड़ जेल में हैं।
 

 
 टेरर फायनेंसर जहूर अहमद वताली
 
 
टेरर फंडिंग के इस केस में अलगाववादी नेता मीरवाइज़ उमर फारूख को भी एनआईए ने दिल्ली समन किया था, लेकिन सिक्योरिटी का बहाना बनाकर मीरवाइज ने दिल्ली आने से मना कर दिया था।
  
 
वहीं स्ट्रैटेजिक अफेयर्स के विशेषज्ञों के मुताबिक पाकिस्तान हाई कमीशन में जरूरत से ज्यादा डिप्लोमैट और स्टाफ ये शक सही साबित हो जाता कि दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन आईएसआई के एजेंटो से भरा हुआ है। जिस पर भारत को कार्रवाई करनी चाहिए।