सूखे से तबाह होगा पाकिस्तान, 2025 तक सूख जायेंगी पाकिस्तान के तमाम पानी के स्रोत
   17-मार्च-2019
 
पाकिस्तान इन दिनों चौतरफा खतरों से घिरा हुआ है। एक तरफ देश में आतंकवाद अंदर तक जड़े जमायें बैठा है, दूसरी तरफ इकॉनोमी का दिवाला निकला हुआ है। पुराना कर्ज चुकाने के लिए पाकिस्तान को और कर्ज लेना पड़ रहा है। लेकिन पाकिस्तान के ऊपर जो सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है, वो है महासूखे का खतरा। वर्ल्ड वैंक, आईएमएफ रिपोर्ट और नासा स्टडी के मुताबिक पाकिस्तान में 2025 तक पानी के लिए हाहाकार मचना तय है। क्योंकि लगातार चेतावनियों के बावजूद पाकिस्तान ने पानी के बचाने, कंजर्वेशन के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।
 
 
The Pakistani Council of Research in Water Resources, जोकि पाकिस्तान की साइंस एंड टेक्नोलॉजी का हिस्सा है, की ताज़ा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 2025 तक पाकिस्तान में पानी की भयंकर किल्लत होनी तय है। The PCRWR की रिपोर्ट के मुताबिक साउथ एशिया के तमाम देशों ने 1990 के दशक में वॉटर स्ट्रैस लाइन पॉलिसी और फिर 2005 तक वॉटर स्कासिटी लाइन पॉलिसी पर काम शुरू कर चुके हैं। लेकिन पाकिस्तान ने इस और कभी काम नहीं किया। लिहाजा पाकिस्तान अब महासूखे के मुहाने पर खड़ा है। पाकिस्तान के पास सिर्फ 5 साल का वक्त है, इस खतरे से निपटने के लिए।
 
 
 
इससे पहले जून 2015 में आईएमएफ (the International Monetary Fund) ने अपनी  लैंडमार्क रिपोर्ट Issues in Managing Water Challenges: Regional Perspectives and Case Studies में पाकिस्तान को आगाह किया था कि बढ़ती आबादी को देखते हुए पाकिस्तान में भयंकर सूखे के हालात पैदा हो गये हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के the world's largest irrigation system ने भी पानी के खतरे को तेज़ी से बढ़ाने में खासा हिस्सा निभाया है।
 
 
इसके बाद नासा ने दुनिया भर में पानी की समस्या को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसके मुताबिक पाकिस्तान दुनिया का दूसरा सबसे क्षेत्र बन गया है, जहां पानी की सबसे खतरनाक समस्या होने वाली है। इस मामले में पहला स्थान अरेबियन मरूस्थल का है, जहां पानी की समस्या दुनिया में सबसे ज्यादा है।
 
 
इसके बाद नवंबर 2017 में एशिया फाउंडेशन ने पाकिस्तान को नेशनल वॉटर पॉलिसी लागू करने के लिए चेताया। जिसपर the Institute of Strategic Studies, इस्लामाबाद के रिसर्ट फेलो अहमद नसीम मलिक ने एक रिपोर्ट तैय़ार की। जिसके मुताबिक पाकिस्तान में पानी की समस्या घटते ग्लेशियर, ग्राउंडवॉटर लेवल कम होना, ग्लोबल वॉर्मिंग, पॉल्यूशन, मृदा क्षरण को पानी की कमी के लिए बड़ी समस्या बताया। लेकिन सबसे बड़ी समस्या थी, पाकिस्तान में पानी संक्षरण के लिए कोई पॉलिसी न होना।
 
 

 

क्या दियामीर भाषा- मोहमंड डैम बचायेगा पाकिस्तान को?
 
 
पाकिस्तान में सूखे की आहट को देखकर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस साकिब निसार ने एक मुहिम शुरू की। दियामीर भाषा- मोहमंड डैम बनाने के लिए, जिसको बनाने के लिए 13 अरब डॉलर का खर्च आयेगा। जाहिर है इसको बनाने के लिए पहले से कर्ज में डूबे पाकिस्तान के पास फंड नहीं है, लिहाजा साकिब निसार ने पाकिस्तान की अवाम से फंड के लिए चंदा देने की मुहिम शुरू की। जिसको पीएम इमरान खान ने भी एंडोर्स किया और दुनिया भर के पाकिस्तानियों से चंदा देने की अपील की। लेकिन कईं महीने बीत जाने के और कई विदेशी दौरों के बावजूद पाकिस्तान अब तक सिर्फ 71.56 मिलियन डॉलर भी इकठ्ठा नहीं कर पाया। अगर यहीं स्पीड रही तो पाकिस्तान को ये डैम बनाने के लिए फँड इकठ्ठा करने में 116 साल लग जायेंगे। तक तक इसकी लागत सौ गुना बढ़ चुकी होगी। यानि पाकिस्तान की ये स्कीम भी कामयाब होती दिखाई नहीं देती। तो कैसे बचेगा पाकिस्तान सूखे की मार से...इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।