जम्मू कश्मीर में अलगाववादी लिबरल्स का नया प्रोपगैंडा: निशाने पर है अमरनाथ यात्रा, अमरनाथ यात्रा को हिंदूत्ववादी घोषित कर बदनाम करने का साजिश शुरू
   19-अप्रैल-2019

 
 
इन दिनों जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। प्रशासन यात्रा की सफलता के लिए चाक-चौबंद तैयारी में जुटा है। लेकिन इसी बीच जम्मू कश्मीर में सक्रिय देश विरोधी ग्रुप अमरनाथ यात्रा को बदनाम करने और उसको बंद करवाने की साजिश शुरू कर चुका है। इसके तहत कईं संगठन किताबों और सोशल मीडिया के जरिये एक प्रोपगैंडा बुक और उसके कथित रिसर्च के हिस्से को फैलाकर नयी साजिश रची जा रही है। साजिश अमरनाथ यात्रा को कश्मीर विरोधी और हिंदूत्ववादी एजेंडा घोषित करने की। दरअसल जम्मू कश्मीर कोइलेशन ऑफ सिविल सोसाइटी ने एक किताब पब्लिश की है। जिसका टाइटल है- AMARNATH YATRA: A MILITARISED PILGRIMAGE।
 
 
 
ये सिविल सोसाइटी सरेआम कश्मीर घाटी में सेमिनार और प्रोग्राम आयोजित कर कश्मीर की आजादी के नारे लगाती रहती है। जिससे कुख्यात अलगाववादी गौतम नवलखा भी जुड़े हैं। इसके टाइटल से ही साबित होता है कि ये हिंदूओं की अनंत आस्था की प्रतीक अमरनाथ यात्रा को किस नजरिये से देखते हैं। इस बुक में दावा किया गया है कि जम्मू कश्मीर कोइलेशन ऑफ सिविल सोसाइटी ने आरटीआई, रिसर्च और अधिकारियों से बातचीत के आधार एक स्टडी तैयारी की है। जिसके आधार पर ये साबित किया गया है कि अमरनाथ एक सेक्यूलर में चलने वाली हिंदूत्ववादी एजेंडा है। जिसके जरिये जम्मू कश्मीर के अलावा बाहरी राज्यों का दखल है। जिससे कश्मीर को खतरा है..। बुक के कुछ अंश-
 
 
 
बुक कवर
 
 
• इस बुक की एक फाइंडिंग में अमरनाथ यात्रा में बढ़ते श्रद्धालुओं की संख्या को खतरा बताया गया है। और इस संख्या बढ़ने को बजरंग दल की साजिश करार दिया गया है।
 
 
 
 
• इस बुक में अमरनाथ को 45 दिन का किये जाने को भी साजिश बताया गया। साथ ही जम्मू कश्मीर कोइलेशन ऑफ सिविल सोसाइटी ने यात्रा में सिक्योरिटी फोर्सेस की मौजूदगी को भी साजिश करार दिया है। इसके अलावा बुक में इस यात्रा का संचालन करने वाले श्राइन बोर्ड पर भी आपत्तियां जाहिर की गयी हैं। हालांकि इन तीनों मामलों में सिविल सोसाइटी को दिक्कत क्या है, इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं है। हां ठीक ऐसा ही एजेंडा पाकिस्तान परस्त आतंकियों का जरूर है। जिनको इस यात्रा की सुरक्षा पर आपत्ति है।
 
 
 
 
इसके अलावा इस बुक के जरिये इस यात्रा को पूरी तरह से कश्मीर विरोधी घोषित करने की कोशिश की गयी है। भाषा हू-ब-हू वैसी ही जैसी पाकिस्तान परस्त अलगाववादी बोलते हैं। इस प्रोपगैंडा बुक की कंपलीट समरी आप नीचें लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
 
 
 
 
जाहिर है जम्मू कश्मीर में इस प्रोपगैंडा बुक के खिलाफ प्रतिक्रिया भी शुरू हो चुकी है। जम्मू कश्मीर में विश्व हिंदू परिषद् ने राज्यपाल को एक पत्र लिखकर शिकायत की है। जिसमें इस बुक के पब्लिशर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी है।