पाकिस्तान ने ईरान पर लगाया क्रॉस बॉर्डर टेररिज़्म का बड़ा आरोप, कहा बलूचिस्तान में 14 नेवी ऑफिसर्स की हत्या ईरान स्थित आतंकियों ने की, कार्रवाई की मांग
   20-अप्रैल-2019
 
पाकिस्तान की प्रधानमंत्री इमरान खान संडे पहली बार ईरान का दौरा करने वाले हैं। दोनों पड़ोसिय़ों के बीच आपसी तालमेल बढाने के लिए दोनों देश इसे काफी महत्वपूर्ण दौरा करार दे रहे थे। लेकिन इससे ठीक एक दिन पहले पाकिस्तान ने ईरान पर बलूचिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने का बड़ा आरोप लगा डाला। इसको लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक प्रैस कांफ्रेंस की। कुरैशी ने कहा कि एक अलायंस BRA के नाम से सामने आया है। जिसमें कईं बलोच आतंकी ग्रुप शामिल हैं। जिन्होंने 18 अप्रैल को बलूचिस्तान में नेवी औऱ कोस्ट गार्ड्स पर हमले की जिम्मेदारी ली है। इस अलायंस के ट्रेडिंग कैंपस और लॉजिस्टिक्स कैंपस ईरान की सरहद के अंदर है। इसके सबूत हमने ईरान अथॉरिटीज़ के साथ शेयर हैं। इन आतंकी कैंपों की लोकेशन भी हमने ईरान के साथ शेयर की हैं। हमारे ईरान के साथ ब्रादरान (भाईचारे) के संबंध हैं, इसीलिए हम ईरान से इन पर एक्शन की तवक्को करते हैं।
 
 
 
 
 
 
 
दरअसल 17-18 अप्रैल की दरम्यानी रात बलूचिस्तान के ओरमारा इलाके में मकरान कोस्टल हाईवे पर बलूच विद्रोहियों ने एक पैसेंजर बस को रूकवाकर उसमें मौजूद लोगों के आई कार्ड चेक कर 16 पैसेंजर्स को नीचे उतार लिया। लोकल पुलिस के मुताबिक रात करीब 1 बजे फ्रंटियर कोर्प्स की वर्दी में 15 से 20 बंदूकधारियों ने बुज़ी टॉप एरिया में इस बार वारदात को अंजाम दिया। बाद में विद्रोही 16 पैसेंजर्स को अगवा कर कुछ किमी दूर ले गये और यहां फिर से आईकार्ड चेक कर 14 नेवी और कोस्टगार्ड जवानों के हाथ बांधकर उनकी हत्या कर दी थी।
 
 
 
 
 
शाह महमूद कुरैशी में खुलासा किया कि ऐसा नहीं कि ईरान स्थित बलोच विद्रोहियों ने बलूचिस्तान में इस तरह की वारदात को अंजाम दिया, बल्कि पहले भी ऐसे हमले होते रहे हैं। जिसपर कुरैशी ने आरोप लगाया कि ईरान ने कभी कार्रवाई नहीं की। शायद ये पहली बार है जब पाकिस्तान खुलेआम ईरान पर पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। जिसके नतीजे में पाकिस्तान और ईरान के संबंध बेहद कशीदगी भरे हो सकते हैं। वो तक जब इमरान खान ईरान के दौरे पर जाने वाले हों। देखना दिलचस्प होगा कि इमरान को ये ईरान दौरा कैसा रंग बदलता है।
 
 
 
''पाकिस्तान ने ईरान स्थित बलोच विद्रोहियों के घुसपैठ से बचने के लिए पाकिस्तान-ईरान की करीब 970 किमी लंबी सरहद पर फेंसिंग लगाने की घोषणा कर दी है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर पहले से ही फेंसिंग पाकिस्तान ने कर रखी है। वहीं भारत ने भी पाकिस्तान के साथ बॉर्डर पर फेंसिंग कर रखी है। इसके बाद इतना तो साफ है कि पाकिस्तान के संबंध अपने तीनों पड़ोसियों से एक जैसे हो गये हैं।''
 
 
ईरान भी है पाकिस्तानी आतंकवाद से पीड़ित
 
 
पाकिस्तान में पनपने वाले आतंकवाद से सिर्फ भारत और अफगानिस्तान ही शिकार नहीं है, बल्कि ईरान भी लगातार आतंकी हमले झेल रहा है। 13 फरवरी को पाकिस्तानी पोषित आतंकियों ने ईरान में ठीक उसी स्टाइल में आत्मघाती हमला किया, जैसे एक दिन बाद पुलवामा में किया गया था। पुलवामा हमले से एक दिन पहले पाकिस्तान पोषित आतंकी ग्रुप जैश-अल-अद्ल के आत्मघाती हमलावर ने ईरान के सिस्तान-बलूचेस्तान इलाके में इलीट रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स पर हमला किया। जिसमें 27 गार्ड्स मारे गये थे और 41 घायल हो गये थे।
 
 
 
रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के के जनाजे में उमड़ी भीड़
 
 
 
ये इलाका पाकिस्तान-अफगानिस्तान और ईरान की सीमाओं से सटा इलाका है। यहां सुन्नी आतंकी संगठन जैश-अल-अद्ल की आतंकी गतिविधियां काफी बढ़ गयी हैं। ये आतंकी पाकिस्तान से ऑपरेट कर रहे हैं। ईरान में इस्लामिक रेवोल्यूशन के 40 साल पूरे होने से 2 दिन पहले वहाबी सुन्नी आत्मघाती हमलावर ने एक्सप्लोसिव से भरे ट्रक को रेवोल्यूशनरी गार्ड्स को ले जा रही बस से टकराकर धमाका कर दिया था।
 
 
 
 
 
जेैश-अल-अद्ल वहाबी-सलफी सुन्नी आतंकी संगठन है, जोकि 2012-13 में बना। इसका हेडक्वार्टर बलूचिस्तान, पाकिस्तान में है। जोकि ईरान के उत्तरी-पूर्वी इलाके सिस्तान-बलूचेस्तान में ऑपरेट करता है। ये संगठन ईरान में कई बड़े धमाके कर चुका है। भारत और जापान ने इस संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।
 
 
 
 
 
ईरान एक शिया मुल्क है, लेकिन यहां सुन्नी आबादी 4-8 फीसदी है, जोकि शिया सरकार के खिलाफ अलगाववादी रूख का समर्थन करती है। पाकिस्तान आईएसआई और सऊदी वहाबी आतंकी संगठनों की शह पर यहां अक्सर आतंकी वारदातें होती रहती हैं। आतंकी पाकिस्तान से ऑपरेट करते हैं, जिससे ईरान कार्रवाई नहीं कर पाता।
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उस वक्त ईरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम कासिमी ने जल्द ही इस हमले का बदला लेने का दावा किया था। साथ ही ईरानी इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर अली फादवी ने भी पाकिस्तान को सीधे चुनौती दी थी कि वो अपनी हद में रहे और ईरान जल्द ही इस हमले का बदला ज़रूर लेगा। तो क्या बलूचिस्तान का में बलोच विद्रोहियों का हमला इसी का बदला था...?