@@INCLUDE-HTTPS-REDIRECT-METATAG@@ महबूबा मुफ्ती ने फिर की हद पार, मोदी को दी कश्मीर छोड़ने की धमकी, कहा- “अगर पीएम को लगता है कि कश्मीर घाटे में है, तो कश्मीर छोड़ दो”

महबूबा मुफ्ती ने फिर की हद पार, मोदी को दी कश्मीर छोड़ने की धमकी, कहा- “अगर पीएम को लगता है कि कश्मीर घाटे में है, तो कश्मीर छोड़ दो”

 
 
 
 
 
महबूबा मुफ्ती इस चुनाव में देशविरोधी बयानों की तमाम हद पार कर चुकी हैं। आज महबूबा मुफ्ती ने पीएम मोदी को कश्मीर छोड़ने की धमकी तक दे डाली। शुक्रवार को वाराणसी में पीएम मोदी आजतक को दिये इंटरव्यू में कहा था कि धारा 370 और 35A की वजह से आर्थिक पिछड़ेपन की शिकार है। इसके जवाब में महबूबा मुफ्ती ने पत्रकारों से कहा कि- "धारा 370, जिसकी बिनाह पर हमारे रिश्ते की बुनियाद है। जिसकी वजह से हमारा इलहाक है मुल्क के साथ..अगर प्राइम मिनिस्टर को लगता है, कि कश्मीर खसारे (घाटे में) में है। तो कश्मीर छोड़ दे।"  देखिए वीडियो-
 
 
 
 
 
 
 
अपने बयान के बाद महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट और किया। जिसमें कहा कि न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी। गठबंधन जीतेगा, तो धारा 370 हटाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
 
 
 
 
 
दरअसल शुक्रवार को आजतक के साथ इंटरव्यू में पीएम मोदी ने बेहद साफ और सीधे अल्फाज़ में महबूबा मुफ्ती और कश्मीर नेताओं को एक साफ संदेश दिया था। जिसमें मोदी ने कहा कि-  “ये भाषा बोलने वालों को इस देश का नागरिक होने का हक ही नहीं है, चुनाव लड़ने का हक नहीं है उनको। ये कोई एग्रीमेंट है क्या। जम्मू कश्मीर हजारों साल से देश का हिस्सा है। हजारों साल से लोगों की तपस्या का केंद्र रहा है। वो कोई एग्रीमेंट है क्या..। इसीलिए पहले ये भाषा बोलने वालों से जवाब मांगना चाहिए। कानूनी प्रक्रिया है, हम मानते है, हमारे संकल्प पत्र में घोषित किया है। जम्मू कश्मीर का सबसे ज्यादा नुकसान इन धाराओं ने किया है। आज हमने वहां एम्स बनाया, आईआईएम बनाया। बड़े प्रोफेसर वहां जाने को तैयार नहीं है। रहने के लिए मकान नहीं मिलता, मकान खरीद नहीं सकते। किराया महंगा पड़ता। बच्चों को एडमिशन नहीं मिलता है। इन्वेस्टमेंट नहीं आ रहा, क्योंकि जमीन वहां खरीद नहीं सकते। हम कारखाना लगा नहीं सकते। वहां के बच्चों को रोजगार नहीं मिल रहा। आर्थिक रूप से कंगालियत की संभावना पैदा हुई है। टूरिज्म को आतंकियों ने खत्म कर दिया। पूंजी निवेश खत्म हो गया धाराओं के वजह है। अब वहां के लोगों को भी समझ आया कि वहां बड़े बदलाव होने चाहिए, वहां पूंजी निवेश होने चाहिए।“