कारगिल युद्ध के हीरो मेजर डी पी सिंह ने बनाया स्काईडाइविंग का नया रिकॉर्ड, कीर्तीमान स्थापित करने वाले सेना के पहले दिव्यांग जवान
   17-मई-2019


 
भारतीय सेना का जवान युद्धक्षेत्र में अपने रणकौशल से दुश्मन के छक्के छुड़ाता है, परन्तु किसी कारणवश वो युद्धक्षेत्र से बाहर हो जाता है, तब भी एक हीरो की तरह , एक नायक की तरह अपना जीवन जीता है I इसका उदहारण हैं कारगिल युद्ध के नायक मेजर डी पी सिंह, जिन्होंने इस युद्ध में अपना एक पैर गँवा दिया लेकिन जीवन में कभी हार नहीं मानी I
 
 
एक कृत्रिम पैर लगा कर उन्होंने पहले मैराथन दौड़ना शुरू किया I और शीघ्र ही वे देश के अग्रणी ब्लेड रनर यानि कृत्रिम पैर की सहायता से दौड़ने वाले धावकों की श्रेणी में आ गए I वह पैर खोने के बाद भी 18 बार मैराथन में दौड़ चुके है . लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स ने उनका नाम “ पीपल्स ऑफ़ थे इयर 2016” की सूची में शामिल किया .


 
जीवन में आगे बढ़ते हुए नयी सफलताएँ हासिल करने का क्रम चलता रहा और आज मेजर डी पी सिंह स्काइडाइविंग करने वाले भारतीय सेना के पहले दिव्यांग जवान बन गए हैं I  मेजर डी पी सिंह ने हालहि में नासिक में पहली बार सफल स्काईडाईविंग की है.
  

 
 
मेजर डी पी सिंह की सफलता के पीछे उनका साहस और कठिन परिश्रम तो है ही, साथ ही सेना प्रमुख बिपिन रावत का विश्वास और प्रोत्साहन भी है I बिपिन रावत की हरी झंडी देने के बाद मेजर सिंह का प्रशिक्षण शुरू किया गया I भारतीय सेना और सेना प्रमुख बिपिन रावत का ये कदम सराहनीय है , इस से युद्ध में अपने अंग गँवा चुके वे जवान जो कुछ कर गुज़रने की इच्छा रखते हैं, उन्हें अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है और उनका मनोबल भी बढ़ता है I सेना के इसी प्रयास से आज डी पी सिंह लोगों के लिए एक अनुसरणीय प्रेरणा बन गए हैं I  हम आपको बताते चले कि सेना ने २०१८ का वर्ष , ड्यूटी में अंग गवा देने वाले जवानो को समर्पित किया है.