@@INCLUDE-HTTPS-REDIRECT-METATAG@@ डियर लिबरल्स, North, East-West के बाद South इंडिया में भी नंबर-वन बनी बीजेपी, देखिए आंकड़े

डियर लिबरल्स, North, East-West के बाद South इंडिया में भी नंबर-वन बनी बीजेपी, देखिए आंकड़े

 
 
जब 1996 में पहली बार बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और वाजपेयी सरकार बनी, तब लिबरल गैंग मीडिया और पार्टियों ने बीजेपी को काऊ-बेल्ट की पार्टी या हिंदी भाषी क्षेत्र की पार्टी घोषित कर बीजेपी के बढ़ते वर्चस्व को कमतर करने की कोशिश की। आज जब बीजेपी अकेले अपने दम पर 303 सीट जीतकर सरकार बना रही है, अभी भी सोशल मीडिया पर साउथ इंडिया में न जीत पाने का प्रोपगैंडा फैलाया जा रहा है। बताया रहा है कि यहां अभी भी कांग्रेस का वर्चस्व है, जबकि सच ये है कि पूरे साउथ इंडिया के 6 राज्यों (कर्नाटका, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और पुद्दुचेरी) की कुल 130 लोकसभा सीटों में बीजेपी सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी है। देखिए आंकड़े-
 
 
 
1. बीपेजी- 29 सीट
2. कांग्रेस- 28
3. डीएमके-23
4. वाईएसआर कांग्रेस-22 सीट
5. टीआरएस- 9
6. टीडीपी- 3
7. सीपीएम- 3
8. मुस्लिम लीग-2
9. अन्य*- 11
 
 
 
हालांकि सच ये है कि अलग-अलग राज्य के अलग क्षत्रप हैं। लेकिन बीजेपी ने एक तरफ कर्नाटका में जेडीएस और कांग्रेस का सूपड़ा साफ किया, तो तेलंगाना में जहां कोई पोल-पंडित बीजेपी की एक भी सीट देने को तैयार नहीं था। वहां भी बीजेपी 17 में से 4 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रहा। यहां तक कि निजामाबाद सीट से सीएम की बेटी कविता को भी हराने में कामयाबी पायी। इसके अलावा हैदराबाद और महबूब नगर की 2 सीटों पर बीजेपी दूसरे नंबर पर रही।
 


 तेलंगाना में 4 सीट जीतने के बाद कार्यकर्ताओं के साथ जश्न मनाते बीजेपी स्टेट प्रेज़ीडेंट के लक्ष्मण
 
इसके अलावा तमिलनाडु में बीजेपी के 5 उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे और कुल 15 लाख 51 हजार से ज्यादा वोट पाने में कामयाब रहे। राज्य सरकार के खिलाफ एंटी-इंकमबैंसी के माहौल में इतने वोट खासे मायने रखते हैं।
 
 
वहीं केरल में बीजेपी इस बार अपना जानदार असर छोड़ने में कामयाब रही है। इस बार यहां बीजेपी करीब 13 फीसदी वोट पाने में कामयाब रही। यानि धीरे-धीरे केरल के लोगों का विश्वास भी बीजेपी में बढ़ता जा रहा है।
 

 
 
 Kerala Vote Graphics
 
आंकड़ों से साफ है कि साउथ इंडिया में बीजेपी अपना परचम लहराने में कामयाब रही है, लेकिन लिबरल गैंग अभी भी अपनी हार छिपाने के लिए तंज़ कसने में बाज़ नहीं आ रहा। लेकिन सच ये भी है कि लिबरल गैंग का निगेटिव प्रचार ही बीजेपी की सबसे शक्ति और प्रेरणा बनकर उभरा है। आने वाले चुनावों में लिबरल गैंग और मजबूत ही करेगा।