@@INCLUDE-HTTPS-REDIRECT-METATAG@@ Exposed: सीसीटीवी ने खोली गुरूग्राम में मुस्लिम युवक की झूठी कहानी की पोल, न मारपीट हुई और न ही कपड़े फटे, 6 नहीं सिर्फ एक शराबी से हुआ था झगड़ा

Exposed: सीसीटीवी ने खोली गुरूग्राम में मुस्लिम युवक की झूठी कहानी की पोल, न मारपीट हुई और न ही कपड़े फटे, 6 नहीं सिर्फ एक शराबी से हुआ था झगड़ा

 
 
मोदी की शानदार जीत से बौखलाये लिबरल मीडिया और लूटियन एक्टिविस्ट पिछले 3 दिनों से एक मुस्लिम युवक के साथ हुई मारपीट को लेकर हल्ला मचाये हुए। घोषणा की जा रही थी, कि कैसे मुस्लिम देश में असुरक्षित हैं। लेकिन लिबरल पत्रकारों-एक्टिविस्ट्स को उस वक्त गहरा सदमा पहुंचा। जब गुरूग्राम पुलिस की जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि पीड़ित मुस्लिम युवक की कहानी ही झूठी है। मुस्लिम युवक मोहम्मद बरकत आलम ने जो बयान दिया था, सीसीटीवी में हकीकत उससे कहीं जुदा निकली। दरअसल बरकत आलम ने दावा किया था कि 25 मई की रात करीब साढे 10 बजे वो गुरूग्राम की सदर बाज़ार मस्जिद से घर जा रहा था, तो सदर बाजार में 4 मोटरसाइकिल पर और 2 पैदल लोगों ने रोककर उससे मारपीट, उससे कहा कि वो यहां टोपी पहनकर नही चल सकता। उन लोगों ने बरकत की टोपी भी उछाली और जबरन जय श्री राम भी बोलने को कहा, जब मना किया तो लाठियों से मारा और उसके कपड़े भी फाड़ दिये।
 
 
बरकत आलम का बयान लोकल अखबार में छपते ही पूरे देश में लिबरल पत्रकारों औऱ एक्टिविस्ट्स ने हंगामा खड़ा कर दिया। जमकर मोदी को कोसना शुरू दिया। इस बीच गुरूग्राम पुसिल ने बरकत आलम की एफआईआर दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी। इस जांच में जब गुरूग्राम पुलिस ने सीसीटीबी फुटेज खंगाली तो पता चला कि बरकत आलम की कहानी एकदम झूठी है। सीसीटीवी से साबित हुआ कि बरकत आलम का एक शख्स के साथ मामूली झगड़ा हुआ, न कि 6 लोगों ने जैसा कि बरकत ने दावा किया था। साथ ही ये भी पता चला कि इस झगड़े में न तो बरकत के साथ लाठियों से मारपीट की गयी, न ही कुर्ता फाड़ा गया। फुटेज में नज़र आ रहा है कि मारपीट के बाद मामला शांत हो गया था। झगड़ा होता देख पास ही झाड़ू लगा रहा व्यक्ति मौके पर पहुंचा, जिसने दोनों पक्षों को छुड़वा दिया और मामले को शांत करवा दिया।
 
 

 
 FIR की कॉपी
 
सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक दो लोगों के मामूली झगड़े के बाद दोनों अपने-अपने रास्ते भई चले गये थे। लेकिन बरकत आलम दोबारा वहां पहुंचा और पुलिस को फोन किया।
 
 
पुलिस के मुताबिक ये एक मामूली घटना थी, जिसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गयी। बहरहाल पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को जांच के लिए भेज दिया है। इस बीच मोहम्मद बरकत अली ने सोमवार को पुलिस कमिश्नर मोहम्मद अकील से मुलाकात कर कहा कि वह गुरुग्राम में असुरक्षित महसूस कर रहा है, इसलिए वापस बिहार जाना चाहता है। हालांकि, कमिश्नर ने उसे केस की जांच होने तक गुरुग्राम में ही रुकने के लिए कहा है और सुरक्षा का आश्वासन दिया है।