J&K: पिछले साल रमजान में Suspension of Operation के दौरान आतंकी हमले में हुए थे 8 जवान शहीद और 37 घायल, फिर भी महबूबा कर रही हैं एकतरफा कार्रवाई बंदी की हिमायत
   06-मई-2019
 
 
 
रमजान का महीना शुरू हो चुका है। इसके मद्देनज़र शनिवार को महबूबा मुफ्ती ने सरकार से कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक की मांग की थी, यानि इस महीने के दौरान आतंकियों के खिलाफ कोई ऑपरेशन न चलाया जाये। ताकि वो आराम से रमजान मना सकें। लेकिन पिछला अनुभव बताता है कि सरकार द्वारा सीज़फायर करने के बावजूद भी आतंकी अपनी वहशियाना हरकतों को जारी रखते हैं। आरटीआई कार्यकर्ता रोहित चौधरी के द्वारा फाइल की गयी आऱटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय ने खुलासा किया है कि 2018 में राज्य सरकार द्वारा रमजान के दौरान कार्रवाई-बंदी यानि Suspension of Operation घोषित होने के बावजूद भी आतंकी हमलों में 8 जवान शहीद हुए थे और 37 जवान घायल हुए थे। यानि आतंकियों ने इस सीज़फायर को नहीं माना था।
 
 
आरटीआई में सामने आये आकंड़ों के मुताबिक सुरक्षाबलों को भारी क्षति के साथ-साथ 4 सिविलियन को भी जान इन हमलों में गयी थी, जबकि 33 लोग घायल हुए थे। हालांकि सुरक्षाबलों के जवाबी हमले में 23 आतंकियों को भी मौत के घाट उतारा गया था, जबकि 5 आतंकियों को गिरफ्तार किया था।
 
 
 
 
 
14 जून की शाम रमजान के दौरान ही आतंकवादियों ने भारतीय सेना के जवान औरंगजेब खान की अगवा कर हत्या कर दी थी। जोकि ईद मनाने के लिए अपने घर जा रहा था। आतंकवादियों ने औरंगजेब की हत्या से पहले का एक वीडियो जारी किया था, जिसमें वो औरंगज़ेब को टॉर्चर कर रहे थे।
 
 
इसके अलावा आतंकियों ने कश्मीरी अखबार राइज़िंग कश्मीर के एडिटर शुजात बुखारी की भी आतंकियों ने हत्या कर दी गयी थी।
 
 
 
 

 
 
  
ये आकंड़े ये बताने के लिए काफी हैं कि सरकार भले ही घाटी में शांति स्थापित करने के लिए किसी भी हद तक जाकर कोशिश करती रहे। आतंकी उसका फायदा उठाकर आतंक फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। ऐसे में आतंकियों के लिए इस रमजान में भी कार्रवाई बंद करने की बात करना कितना जायज है।