@@INCLUDE-HTTPS-REDIRECT-METATAG@@ गांदरबल, मां खीर भवानी मंदिर में अष्टमी मेले की धूम, हज़ारों कश्मीरी हिंदुओं ने किये दर्शन, देखिए तस्वीरें

गांदरबल, मां खीर भवानी मंदिर में अष्टमी मेले की धूम, हज़ारों कश्मीरी हिंदुओं ने किये दर्शन, देखिए तस्वीरें


 
 
उत्तरी कश्मीर के गांदरबल के तुलामुल्ला गांव में स्थित मां खीर भवानी के मंदिर में आज वार्षिक अष्टमी मेला धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर हजारों प्रवासी कश्मीरी हिन्दू श्रद्धालू माँ के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे। रागनी का खीर भवानी मंदिर कश्मीरी पंडितों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक स्थल माना जाता है। अष्टमी की मौके पर मंदिर को विशेष तौर पर भव्य रूप से सजाया गया है। एक अनुमान के मुताबिक रविवार शाम तक देश के अलग-अलग हिस्सों से छह हजार से 10 हजार तीर्थ यात्रियों के यहां पहुंचे। अधिकांश तीर्थयात्री बसों में आ रहे हैं। इस मौके पर सुरक्षा के भी खास इंतज़ाम किये गए हैं।
 
मां खीर भवानी की आसपास की मुस्लिम आबादी में भी खासी मान्यता है। पुरानी भाईचारे की परंपरा को निभाते हुए मंदिर के आसपास रहने वाले मुस्लिम यहां हआर साल भवानी मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को छोटे मिट्टी के बर्तनों में दूध की पेशकश करते हैं। मान्यता के मुताबिक त्यौहार के दिन आसपास के मुस्लिम घरों में मीट नहीं पकाते। क्योंकि कश्मीरी पंडित भी यदि मंदिर आने से पहले मांसाहारी भोजन करते हैं तो वे मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं करते हैं।
 
मंदिर के पवित्र तालाब का पानी है कश्मीर में परिस्थितियों का सूचक
 
कश्मीरी पंडितों का मानना है कि मंदिर में पवित्र तालाब के पानी का रंग अगले 12 महीनों की घटनाओं को दर्शाता है। स्थानीय मान्यताओं के मुताबिक तालाब के पानी का रंग उन घटनाओं का अनुमान जाहिर करता है, जो अगले 12 महीनों में अगले त्यौहार तक सामने आएंगी। पानी का रंग अगर काला हो तो हिंसा और पीड़ा को दर्शाता है, जबकि दूधिया या हल्का हरा रंग शांति और समृद्धि का सूचक है। कहते हैं कि कश्मीर में आयी बाढ़ से पहले भी यहां पानी का रंग बदला था।