@@INCLUDE-HTTPS-REDIRECT-METATAG@@ उमर अब्दुल्ला ने फिर लिया आतंक की राजनीति का सहारा, कहा- “इस बार इलेक्शन बायकॉट किया बुरहान वानी और जाकिर मूसा के त्राल में बीजेपी का एमएलए होगा”

उमर अब्दुल्ला ने फिर लिया आतंक की राजनीति का सहारा, कहा- “इस बार इलेक्शन बायकॉट किया बुरहान वानी और जाकिर मूसा के त्राल में बीजेपी का एमएलए होगा”

 
 
 
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एक बार फिर आतंकियों को सीधे-सीधे एंडोर्स करते नज़र आये। गुरूवार को श्रीनगर में नेशनल काँफ्रेंस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के वाइस प्रेज़ीडेंट उमर अब्दुल्ला ने कहा कि - “हमें खबरदार रहना पडेगा। जो बायकॉट की बात मुबारक गुल (JKNC Leader) साहब ने की सही की। क्योंकि बायकॉट से बड़ा खतरा है दोस्तों, अंदाज़ा करिये अगर पार्लमानी इलेक्शन के नतीजे असेम्बली इलेक्शन के तहत हुए, तो त्राल का एमएलए बीजेपी का होगा। अंदाजा करिये... जिस त्राल से बुरहान वानी, जिस त्राल से जाकिर मूसा। उस त्राल से बीजेपी का एमएलए, अगर बायकॉट हुआ तो।“
 
 
उमर अब्दुल्ला ने शहरी निकाय औऱ पंचायतों में कश्मीर घाटी में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन को निशाना बनाते हुए आगे कहा कि- “इसी तरह उनकी (BJP) नजरें शहर की कुछ सीटों पर हैं। उनकी कोशिश है कि मुबारक गुल की कॉन्स्टीट्यूएंसी पर एक हज़ार भी न पड़े औऱ वो भी बंट जाये और फिर जैसे इन्होंने बलदियाती (Municipal) इलेक्शन में किया, जिस तरह पंचायती इलेक्शन में किया। इसी तरह इनका इरादा असेंबली में करने का है।“
 
 
 
साफ है कि कश्मीर में उमर अब्दुल्ला को कश्मीर घाटी में बुरहान वानी औऱ जाकिर मूसा के आतंकवाद से तो कोई गिला नहीं है। बल्कि त्राल को उनकी ज़मीन बताकर उनको स्थापित करने में लगे हैं। लेकिन कश्मीर घाटी में बीजेपी की मौजूदगी उमर अब्दुल्ला को नाकाबिल-ए-बर्दास्त है। लिहाजा वो कश्मीर घाटी में बीजेपी को रोकने के लिए पुरज़ोर कोशिश में लगे हैं।
 
 

 
 बुधवार को ईदगाह में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते उमर अब्दुल्ला
 
 
आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर-दिसंबर में हुए शहरी निकाय चुनाव में बीजेपी के कश्मीर घाटी में 104 पार्षद जीते थे। जोकि कांग्रेस से ज्यादा थे। उस वक्त पीडीपी-एनसी ने शहरी निकाय और पंचायती इलेक्शन का बायकॉट किया था।
 
 
उसके बाद घाटी में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के दौरान रैली और कैंपेनिंग में भी खासी भीड़ इकठ्ठा की थी। हाल ही में सदस्यता अभियान के दौरान कश्मीर घाटी में मुस्लिम भारी संख्या में बीजेपी की पहली सदस्यता ले रहे हैं। जिससे अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार की नींद उड़ी हुई है।
 
 
 
इसी को देखते हुए उमर अब्दुल्ला ने आतंकी बुरहान वानी और जाकिर मूसा का सहारा लेकर घाटी के लोगों को भड़काने की राजनीति शुरू कर दी है।