पाकिस्तान के कहने पर शोभा डे ने लिखा बुरहान वानी और कश्मीर में रेफरेंडम के समर्थन आर्टिकल, पूर्व हाई कमिश्नर अब्दुल बासित का खुलासा
   12-अगस्त-2019

 

 

अगर आपको शोभा डे के आर्टिकल पढ़कर लगा हो कि इस आर्टिकल की भाषा पाकिस्तानी नज़रिये से मिलती-जुलती है। तो ये महज इत्तेफाक नहीं, बल्कि ग्रेट-गेम का हिस्सा है। 2014 से अगस्त 2017 तक भारत में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर रहे अब्दुल बासित ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि बुरहान वानी के मारे जाने के बाद जम्मू कश्मीर को लेकर शोभा डे से एक आर्टिकल लिखवाया। जिसमें शोभा डे ने पाकिस्तान के नैरेटिव की लाइन पकड़ते हुए जम्मू कश्मीर में रेफरेंडम करवाने पर ज़ोर दिया। सबसे पहले सुनिये अब्दुल बासित ने क्या कहा-


 
 

पाकिस्तान के सोशल मीडिया स्टार फरहान विर्क के साथ एक इंटरव्यू में अब्दुल बासित ने जिस आर्टिकल का जिक्र किया वो संभवत: टाइम्स ऑफ इंडिया में 17 जुलाई 2016 को प्रकाशित ये आर्टिकल है।



 

इस आर्टिकल में शोभा डे ने आंतकी बुरहान बानी के शान में जमकर कसीदे गढ़े हैं। उसके करिश्मे और व्यक्तित्व पर खासा लच्चेदार व्याख्यान लिखा है। तकरीबन वहीं बातें लिखी है, जोकि पाकिस्तान की भाषा रही है।



भारत सरकार को कोसते हुए आर्टिकल के अंत में शोभा डे ने जम्मू कश्मीर में रेफरेंडम यानि जनमत-संग्रह करवाने का तर्क रखा है। ये वहीं लाइन है जिसका जिक्र अब्दुल बासित ने अपने इंटरव्यू में किया है।





 

आर्टिकल को ध्यान से पढ़ने पर आपको स्पष्ट हो जायेगा कि कश्मीर की समस्या का हव्वा खड़ा कर, आतंकी बुरहान वानी को कालजयी हीरो की तरह पेश कर रेफरेंडम का तर्क देना सीधे तौर पर पाकिस्तान की बात कहना है, पत्रकारिता और लिखने की आजादी के नाम पर देशद्रोह है। बहरहाल मामला सोशल मीडिया पर रंग पकड़ता दिखाई दे रहा है।