यूएस ने पाकिस्तान को दिया एक और बड़ा झटका, आर्थिक मदद में 440 मिलियन डॉलर की कटौती
   17-अगस्त-2019

 
आर्थिक रूप से कंगाल पाकिस्तान को यूएस ने एक और बड़ा झटका दिया है। यूएस ने कैरी लूगर बर्मन एक्ट के तहत पाकिस्तान को दी जानी वाली 900 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता में आधी कटौती कर दी है। यानि पाकिस्तान को दिए जाने वाले आर्थिक मदद में 440 मिलियन डॉलर की कटौती की है। पाकिस्तानी अखबार 'द एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, ये आर्थिक मदद पाकिस्‍तान इनहेंस पार्टनरशिप एग्रीमेंट (PEPA) 2010 के तहत दी जाती थी। जिसकी आखिरी किश्त 900 मिलियन डॉलर थी। पाकिस्तान इस सहायता राशि का इंतजार आंख बिछाकर कर रहा था। लेकिन ट्रंप सरकार ने पाकिस्तान के अरमानों पर पानी फेरते हुए 900 के बजाय सिर्फ 460 मिलियन डॉलर की धनराशि देने का वायदा किया है।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने आर्थिक सहायता में इस कटौती की बाबत प्रधानमंत्री इमरान खान को वाशिंगटन की यात्रा के तीन हफ्ते पहले ही आगाह कर दिया था।
 
क्या है केरी लूगर बर्मन अधिनियम ?
 
दरअसल यूएस पाकिस्तान को ये आर्थिक मदद 'पाकिस्तान एन्हैंस पार्टनरशिप एग्रीमेंट (पेपा) 2010' के तहत देता था। जिसका एग्रीमेंट 2009 में हुआ था।
 
अक्टूबर 2009 में अमेरिकी कांग्रेस ने 'केरी लूगर बर्मन ऐक्ट' पास किया था और इसे लागू करने के लिए सितंबर 2010 में पेपा पर हस्ताक्षर किए गए थे। केरी लूगर बर्मन ऐक्ट के तहत तहत पाकिस्तान को पांच साल की अवधि में 7.5 अरब डॉलर की मदद दिए जाने की व्यवस्था की गई थी। ये धनराशि पाकिस्तान को ऊर्जा और जल संकट से निपटने के लिए खर्च की जानी थी।
 
पिछले 10 सालों के दौरान अमेरिका ने ये आर्थिक सहायता 7.5 बिलियन डॉलर से घटाकर पहले ही आधी से भी कम कर दी थी। यानि इस एक्ट के तहत पाकिस्तान को सिर्फ 3.5 बिलियन डॉलर ही मिल पाये थे। इसके बाद इसकी अंतिम किश्त में भी यूएस ने कटौती कर अपने इरादे साफ कर दिये हैं कि प्रेज़ीडेंट ट्रंप तब तक आर्थिक सहायता नहीं करेंगे जब तक पाकिस्तान स्थित आतंकवाद में कटौती नहीं की जाती।