@@INCLUDE-HTTPS-REDIRECT-METATAG@@ लद्दाख की धरती से गरजे राजनाथ सिंह, कहा- गिलगित-बल्तिस्तान पर अवैध कब्ज़ा जमाया है पाकिस्तान ने, उठाये POJK में मानवाधिकारों का हनन पर सवाल

लद्दाख की धरती से गरजे राजनाथ सिंह, कहा- गिलगित-बल्तिस्तान पर अवैध कब्ज़ा जमाया है पाकिस्तान ने, उठाये POJK में मानवाधिकारों का हनन पर सवाल


 
 
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में कहा है कि “पाकिस्तान का कश्मीर में कोई Locus Standi नहीं है। जबकि गिलगिट-बाल्टिस्तान समेत पूरे POJK पर उसने ग़ैर क़ानूनी क़ब्ज़ा जमाया हुआ है। हमारे देश की संसद ने फ़रवरी 1994 को एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया जिसमें भारत की स्थिति पूरी तरह स्पष्ट कर दी गयी है।“
 
लद्दाख के लेह में जम्मू कश्मीर के मसले पर दुनिया भर में हंगामा खड़ा करने के कोशिश में लगे पाकिस्तान को जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि- “मैं पाकिस्तान से पूछना चाहता हूं कि कश्मीर पाकिस्तान के पास था कब? और पाकिस्तान भी तो इसी भारत से निकल कर बना है। हम पाकिस्तान के वजूद का सम्मान करते हैं इसका अर्थ यह नहीं है कि वह कश्मीर को लेकर कोई लगातार बयानबाजी करता रहेगा।“
 
दरअसल रक्षामंत्री आज लद्दाख़ में ‘किसान जवान विज्ञान मेला’ का उद्घाटन करने लेह पहुंचे थे। जहां राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ द्वारा आयोजित यह किसान जवान विज्ञान मेले में हिस्सा लिया, जोकि लद्दाख में Strategic Ecosystem को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
 
इसी कार्यक्रम में रक्षामंत्री ने पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर का मसला पूरज़ोर तरीके से उठाया और कहा कि- “कश्मीर हमारा रहा है इस बात पर इस देश में कभी शक-शुबहा नहीं रहा है। सच्चाई यह है कि POJK और गिलगिट-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान अवैध क़ब्ज़ा बनाया हुआ है। पाकिस्तान को PoJK के नागरिकों के मानवाधिकारों के हनन पर ध्यान देना चाहिए।“
 
कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने लद्दाख के विकास और योगदान पर कहा कि- “जब लद्दाख को हमने संसद में कानून बनाकर अलग UT बनाया तो हमने यहां की जनभावना का तो सम्मान किया ही साथ ही समस्याओं का समाधान भी दिया है। हमारे प्रधानमंत्री ने यह साफ कर दिया है कि भारत के Strategic Areas के लिए हम Localized Solution लेकर आयेंगे।“
 
“आज यहां लद्दाख़ के किसान आये हैं, देश की सुरक्षा में लगे जवान मौजूद हैं और इन दोनों को सहयोग करने वाला जो विज्ञान है उससे जुड़े वैज्ञानिक भी यहां मौजूद है। इस मेले से ‘जय-जवान, जय-किसान, जय-विज्ञान और जय-अनुसंधान’ थीम जुड़ी है।“