“पीपीपी पर पाकिस्तान सरकार का ज़ुल्म जारी रहा तो कल सिंधुदेश भी बन सकता है” - पीपीपी चेयरमैन बिलावल भुट्टो का ऐलान
14-सितंबर-2019
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी आर्मी की शह पर कश्मीर पर लगातार राग अलापलने में लगें हैं। लेकिन इस बीच खुद अपने देश में इमरान सरकार और आर्मी के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने बगावत छेड़ रखी है। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के चेयरमैन और बेनज़ीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान खान सरकार को सीधे चेतावनी दी और कहा कि अगर मुल्क में पाकिस्तान में पीपीपी को खड़ा नहीं होने दिया गया, उन पर जुल्म जारी रहा तो कल को इसके नतीज़े में सिंधुदेश भी बन सकता है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान का सिंध प्रांत बिलावल की पार्टी पीपीपी का गढ़ माना जाता है। फिलहाल सिंध की प्रांतीय सरकार भी पीपीपी की ही है। ऐसे में बिलावल भुट्टो की इस चेतावनी को बेहद गंभीर गंभीर राजनीतिक बयान माना जा रहा है।
12 सितंबर को प्रेस कांफ्रेंस में हैदराबाद में मीडिया से बात करते हुए बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान खान सरकार को आड़े हाथों लिया और सिंध सरकार के अधिकारों में दखल देने औऱ पीपीपी नेताओं के खिलाफ षड़यंत्र करने करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी देते हुए कहा कि- “मुल्क को चलाना एक क्रिकेट मैच नहीं है, पहले भी ये मुल्क टूटा। हम तो आखिरी दम तक बचाने की कोशिश करेंगे। पाकिस्तान को आंच नहीं आने देंगे। लेकिन आप सोंचें, तो कल बना था बांग्लादेश, तो फिर आप अपना जुल्म करते रहोगे, अगर पाकिस्तान पीपल्स पार्टी जैसी जमात खड़ी नहीं होंगी। तो फिर कल सिंधुदेश भी बन सकता है, सरायकी देश भी बन सकता है, पश्तूनों का देश बन सकता है। होश के नाखून लो।”
आपको बता दें सिंध को अलग देश बनाने के लिए कई संगठन दशकों से आंदोलन करते रहे हैं। ऐसे में सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह की मौजूदगी में बिलावल भुट्टो का ये बयान खासे राजनीतिक मायने रखता है।
बिलावल की प्रैस कांफ्रेंस में सिंध के सीएम मुराद अली शाह समेत पीपीपी के तमाम आला नेता मौजूद थे
हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने मीडिया के जरिये एक अफवाह फैलायी है कि पाकिस्तान के संविधान 149 के तहत इमरान सरकार सिंध प्रांत के शहर कराची को सिंध प्रांत के अधिकार से लेकर सीधे वफाकी हुकूमत यानि केंद्र सरकार के तहत ले सकती है।
आसिफ अली जरदारी की गिरफ्तारी के बाद सिंध सरकार के अधिकारों पर डाका डालने का आरोप लगाते हुए पीपीपी ने इमरान सरकार के खिलाफ अपना विरोध तेज़ कर दिया है।