@@INCLUDE-HTTPS-REDIRECT-METATAG@@ चंद घंटों में चांद पर उतरेगा चंद्रयान-2 , ममता बनर्जी ने कहा- देश की आर्थिक हालात से ध्यान भटकाने की साजिश है ये मिशन

चंद घंटों में चांद पर उतरेगा चंद्रयान-2 , ममता बनर्जी ने कहा- देश की आर्थिक हालात से ध्यान भटकाने की साजिश है ये मिशन


 
कुछ घंटों के बाद वो घड़ी आ जायेगी जिसका पूरा हिंदुस्तान सालों से इंतजार कर रहा था। चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम शुक्रवार की देर रात (6-7 सितंबर की मध्यरात्रि) करीब 2 बजे चंद्रमा के साउथ पोल सतह पर लैंड करेगा।
 
जहां एक तरह पूरा देश इस क्षण का बेसब्री से इतंजार कर रहा, वहीं दूसरी तरफ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इससे बेहद नाखुश दिख रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऊपर हमला करते हुए कहा कि “ऐसा लगता है जैसे कि पहली बार देश में चंद्रयान लॉन्च हुआ है। इससे पहले भी वे सत्ता में थे, तब ऐसा मिशन क्यों नहीं हुआ। यह सब आर्थिक आपदा से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है।”
हालांकि सच ये है कि चंद्रयान-2 मिशन को 2008 में ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंजूरी दे दी थी। ममता बनर्जी ने इस बार फिर पीएम मोदी पर ऊल-जलूल तर्क से हमला करके खुद को हास्य का पात्र बना लिया है। ट्वीटर यूजर्स ने उनके इस बयान पर उन्हें जमकर लताड़ लगाई है।
 
 
 
भारत ने दुनिया को दिखाया वैज्ञानिक क्षमता
 
चंद्रयान-2 प्रोजेक्ट को लेकर नवंबर 2007 में रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस ने कहा था कि वह इस प्रोजेक्ट में भारत के साथ मिलकर काम करेगा। जिसके बाद रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ने इसरो को चंद्रयान-2 के लिए लैंडर देना वादा किया था। 2008 में कांग्रेस की सरकार ने इस मिशन को अनुमति मिल गई और काम शुरू हो गया।। इसरो के वैज्ञानिकों ने 2009 में चंद्रयान-2 का डिजाइन तैयार कर लिया था और जनवरी 2013 में लॉन्चिंग के तैयारी में थे। लेकिन आखरी समय में रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस ने भारत को लैंडर देने से मना कर दिया था। जिसके बाद इसरो के वैज्ञानिकों ने लैंडर-रोवर खुद बनाया और फिर मार्च 2018 में चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग तय की। लेकिन वैज्ञानिकों ने कुछ टेस्ट के लिए लॉन्चिंग को कई बार टाला। जिसके बाद आखरी में 22 जुलाई 2019 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-2 की सफल पूर्वक लॉन्चिंग हुई।
 
इतिहास में पहली बार चांद के साउथ पोल पर उतरेगा किसी देश का चंद्रयान
 
चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र (साउथ पोल ) पर उतरेगा। इस क्षेत्र पर अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया। चंद्रयान-2 का मकसद चंद्रमा के बारे में जानकारी जुटाना और ऐसी खोज करना है जिससे भारत के साथ पूरी दुनिया को फायदा हो।
 
प्रधानमंत्री ने नरेन्द्र मोदी ने चंद्रयान -2 की फोटो शेयर करने को कहा
 
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से अपील की है कि वे ऐतिहासिक सफर पर गये चंद्रयान- 2 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के विशेष क्षणों का आनंद उठाये और इसका फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करें जिन्हें वे खुद रि-ट्वीट करेंगे।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद इसरो के बेंगलुरू स्थित मुख्यालय में वैज्ञानिकों के साथ इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनेंगे। उनके साथ देश भर के स्कूलों के 8वीं से 10वीं तक के करीब 70 छात्र भी होंगे। इन छात्रों का चयन एक क्विज के जरिये किया गया था।