ISRO में पल्लव बागला के वर्चस्व और धंधे को नहीं जानते होंगे आप, #Getty Images पर ISRO की एक फोटो का वसूलते हैं 23-25 हजार रूपये
   07-सितंबर-2019
 
 
 
चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद इसरो साइंटिस्ट डीपी कार्निक से बदतमीज़ी से सवाल पूछने वाले एनडीटीवी पत्रकार पल्लव बागला को तो आप पहचान ही गये होंगे। आपको आश्चर्य होगा कि कैसे कोई पत्रकार ऐसे नाजुक मौके पर इस तरह बात कर सकता है। तब आपको शायद इसरो में पल्लव बागला के धमक और धंधे का अंदाजा नहीं है। 2007 से पल्लव बागला एनडीटीवी ग्रुप के साइंस एडिटर हैं, उनकी ज्यादातर रिपोर्टिंग इसरो के प्रोजेक्ट्स से संबंधित ही रही है। जानकार बताते हैं इसरो चेयरमैन जी. माधवन के जमाने से ही पल्लव बागला की ISRO परिसर में डायरेक्ट एंट्री रही है। बागला की पहुंच इसरो के उस कोने तक है, जहां आम पत्रकार को पहुंचने में सालों लग जायें। स्पेस साइंस में दूसरे संस्थानों की साइंस बीट के पत्रकारों के लिए कोई स्पेस ही नहीं है। पत्रकार इसरो में उनको एकछत्र राज को देखकर रश्क किया करते हैं।
 
 
जाहिर है बागला ने इस पहुंच को जमकर भुनाया भी है। पल्लव बागला के पास इसरो परिसर की हज़ारों एक्सक्लूसिव फोटोज़ का खज़ाना है। #Getty Images जैसी कमर्शियल फोटो वेबसाइट के जरिये इन फोटोज़ को बेचकर बागला मोटा माल कमाते हैं। #Getty पर बागला एक फोटो का 23 से 25 हजार रूपये वसूलते हैं। नीचें लिंक पर क्लिक करें... यहां आपको बागला के 3 हजार से ज्यादा एक्सक्लूसिव फोटोज़ मिलेंगे।
 
 
 
 
 
 
 
 
बागला की इसी पहुंच का नतीज़ा है कि अक्सर उन्हें इसरो परिसर में एक्सक्लूसिव स्टोरी करने का मौका मिलता रहा है। जिसके बल पर बागला यूपीए सरकार में पहली बार बेस्ट साइंस जर्नलिज्म में नेशनल अवॉर्ड से नवाजे गये। बाद में यहीं अवॉर्ड उनको 2 बार और मिला।
 
 
बागला एनडीटीवी एडिटर होने के साथ-साथ अमेरिकन साइंस वीकली के सीनियर कॉरसपोन्डेंट भी हैं। इसके अलावा द हिंदू, मॉरिशस टाइम्स समेत देश-विदेश के अखबारों में बागला की इसरो से जुड़ी एक्सकलूसिव स्टोरीज़ छपती रहती हैं।
 
 
इसको अलावा इसरो के मार्स मिशन, चंद्रयान मिशन समेत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर पल्लव बागला ने कईं किताबें भी लिखी हैं। यानि इसरो के आसपास ही बागला ने कम्यूनिकेशन से जुड़े हरेक धंधे में अपना वर्चस्व स्थापित कर रखा है। 
 



 
ऐसे में जाहिर है दुनिया के साइंस जर्नलिस्ट्स में बागला की अलग धमक है। बागला इंटरनेशनल साइंस राइटर्स एसोसिएशन के प्रेज़ीडेंट भी रहे हैं।
 
 
यानि इसरो में अपनी पहुंच के बल पर ही पल्लव बागला ने खासा माल और शोहरत दोनों बटोरी हैं। बागला के सामने इसरो के चार-चार मुखिया बदल चुके हैं, लेकिन बागला की धमक नहीं बदली। जाहिर हैं ऐसे ऊंची पहुंच वाले पत्रकार को ब्रीफ करने के लिए कोई इसरो चेयरमैन से निचले स्तर का अधिकारी आयेगा। तो ऐसे महान पत्रकार को गुस्सा नहीं आयेगा तो क्या आयेगा।
 
 
 
 
हालांकि इस हरकत से सोशल मीडिया पर किरकिरी होने के बाद बागला ने माफी मांग ली है। लेकिन इस घटना से आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि सरेआम इसरो साइंटिस्टों से ऐसे पेश आने वाले महान पत्रकार आमतौर पर कैसे हरकत करते होंगे।