जम्मू कश्मीर में इंटरनेट पर पांबदी के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है और जम्मू कश्मीर सरकार को राज्य में इंटरनेट पाबंदी के फैसले की एक हफ्ते के अंदर समीक्षा करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर की स्थिति को समझते हुए तुरंत राहत नहीं दी। सरकार को अब अगले एक हफ्ते में स्पष्ट करना होगा, कि इंटरनेट पाबंदी क्यों ज़रूरी है।
सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने अपने फैसला में कहा है कि इंटरनेट को आर्टिकल 19 के तहत मूलभूत अधिकार के तौर पर देखा जाना चाहिए। आर्टिकल 370 हटाये जाने के बाद राज्य में इंटरनेट पर पाबंदी लगाये जाने के बाद, इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर ये खंडपीठ सुनवाई कर रही थी। जिसमें जस्टिस एन. वी. रमन्ना, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई शामिल थे।
आपको बता दें जम्मू कश्मीर में फिलहाल मोबाइल इंटरनेट, कश्मीर घाटी में लैंडलाइन इंटरनेट समेत प्रीपेड मोबाइल सर्विस पर भी पाबंदी लगी हुई है। हालांकि जम्मू कश्मीर में 5 अगस्त के बाद से हालात लगातार सामान्य बने हुए हैं। फिलहाल 15 विदेशी राजनयिकों का एक दल भी जम्मू कश्मीर के दौरे पर है। जोकि गुरूवार को श्रीनगर में विपक्षी नेताओं समेत करीब 160 आम नागरिकों के एक दल से भी मिला था।