CAA विरोधी शाहीन बाग़ धरने के क्रेडिट और फंड को लेकर आयोजकों में फूट, जेएनयू छात्र गुट ने किया धरना खत्म करने का ऐलान
दिल्ली के जामिया इलाके में नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के बाद शाहीन बाग में एक धरना लगातार जारी था। लेकिन धरने को करीब 18 दिन ही पूरे हुए थे कि धरने के आयोजकों में आपसी फूट खुलकर सामने आ गयी। जिसकी वजह से धरने के मुख्य आयोजककर्ता शाहीन बाग़ कॉर्डिनेशन कमेटी ने इस धरने को खत्म करने की घोषणा कर डाली। धरना आयोजक शरजील इमाम, आसिफ मुज्तबा और अफजल हुसैन ने खुद ऐलान किया है कि धरने के कुछ आयोजक पॉलिटिकल क्रेडिट और इसको मिल रहे फंड यानि पैसों को हड़प करने की जुगत में लगे हैं। लिहाजा फिलहाल ये धरना रद्द किया जा रहा है।
हालांकि दूसरे आयोजकों ने तुरंत धरना खत्म करने की इस खबर को सरासर गलत बताते हुए वीडियो जारी किये हैं कि धरना बदस्तूर जारी है। इसको रद्द नहीं किया गया है।
साफ है कि क्रेडिट और फंड को लेकर धरने की असली हकीकत खुलकर सामने आ रही है। जेएनयू स्टूडेंट और धरना आयोजक शरजील इमाम, जोकि जामिया के हिंसक प्रदर्शन के बाद से ही इस धरने का चेहरा बनकर उभरे थे, ने आरोप लगाया है कि “कुछ पॉलिटिकल पार्टियां और पैसे के भूखे लोगो” ने धरने के स्टेज को हाईजैक कर लिया है। शरजील ने अपने संदेश में धरने के लिए आर्थिक सहायता बंद करने को भी कहा है। शरजील ने 31 दिसंबर को लिखे एक फेसबुक संदेश में बीजेपी और कांग्रेस पर आरोप लगाया था।
सूत्रों के मुताबिक इस धरने को जारी रखने के लिए भारी मात्रा में पैसा चंदे के रूप में भेजा जा रहा था। हालांकि धरने में एक वक्त पर कुछ सौ लोग ही जमा हो पा रहे थे। लेकिन मीडिया की 24*7 कवरेज के चलते पैसे की आमद लगातार जारी थी। जोकि आखिर आयोजकों में फूट का सबब भी बनी।