राहुल गांधी के बयान पर अमित शाह ने किया पलटवार, कहा – “1962 में 15 मिनट में चीन को क्यों नहीं बाहर फेंक पाई कांग्रेस”
    20-अक्तूबर-2020


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वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच राहुल गांधी के 15 मिनट वाले बयान पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पलटवार किया है। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी को 1962 में अपनी सलाह सुननी चाहिए थी, जब भारत ने चीन के साथ युद्ध के दौरान कई हेक्टेयर भूमि खो दी थी। उन्होंने कहा कि 1962 में कांग्रेस ने 15 मिनट में चीन को बाहर क्यों नहीं फेंका। दरअसल एलएसी पर जारी तनाव के बीच राहुल गांधी ने बयान दिया था कि अगर हम सत्ता में होते तो 15 मिनट से भी कम समय में चीन को बाहर फेंक देते। राहुल गांधी के इसी बयान पर गृह मंत्री अमित शाह ने जी न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में पटलवार करते हुये जवाब दिया। अमित शाह ने कहा कि उस वक्त के प्रधानमंत्री ने तो आकाशवाणी पर यह तक कह दिया था कि बाय-बाय असम। कांग्रेस पार्टी हमें ये नसीहत कैसे दे सकती है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जब आपके परनाना की सरकार थी, तब चीनी सरकार के हाथों देश की जमीनें जा रही थी।


कांग्रेस नेता शशि थरूर के पाकिस्तान प्रेम पर अमित शाह ने कहा कि वोटबैंक की राजनीति के लिए पाकिस्तान की पीठ थपथपाना कोई नई बात नहीं है। मैं देश की जनता से कहना चाहता हूं कि देश के सम्मान को ताक पर रखने वालों को पहचाने की जरूरत है।

फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के तेवर और असंवैधानिक भाषा और कोरोना के वजह से जम्मू-कश्मीर में रूके विकास कार्यों के सवाल पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कोविड के कारण विकास कार्यों में गति थोड़ी धीमी हुई है। वहां पर कोविड का प्रकोप था और भारत सरकार भी स्वाभाविक रूप से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने में व्यस्त थी। अभी चार-पांच महीने से फिर से वहां काम की गति बढ़ी है। मुझे लगता है कि 70 वर्ष तक कश्मीर ने जो विकास नहीं देखा है, वो हम अगले एक साल में दिखाने में सफल होंगे। हर गांव में बिजली पहुंचाने का काम शुरू हो गया है, हर गांव में पानी पहुंचना शुरू हो गया है। पंचायत के चुनाव अच्छे से हो गये, जिला पंचायत के चुनाव एक-दो दिन में ही घोषित होने वाले हैं। जिसके बाद तीन स्तरीय हमारी जो पंचायती व्यवस्था है, वो जम्मू-कश्मीर में भी लागू हो जाएगी। स्थानीय लोगों को अधिकार मिलेंगे। जहां तक कश्मीर में कानून व्यवस्था का सवाल है सबकुछ कंट्रोल में है, आतंकवाद हो या अंदरूनी कानून व्यवस्था- कोई बड़ी घटनाएं नहीं हुई है। अमित शाह ने कहा कि अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार का सवाल है, तो उनका ये करना स्वाभाविक है, क्योंकि 370 की आड़ में इतने वर्ष तक वहां का शासन उन्होंने भोगा है। गरीब को गरीब रखने का काम उन्होंने किया है। कश्मीर में विकास नहीं पहुंचा है। अमित शाह ने कहा कि आप कल्पना नहीं कर सकते, इतना भ्रष्टाचार हुआ है। ये भ्रष्टाचार बहुत बड़ी खदान थी जो आज बंद पड़ी है। अमित शाह ने फारूक अब्दुल्ला के चीनी प्रेम बयान पर कहा कि कानून समय पर अपना काम करेगा। लेकिन मैं इसे उचित नहीं मानता। ये भाषा उचित नहीं है।



चीन के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि किसी भी व्यक्ति से रिश्ते सुधारने का प्रयास करना, कोई बुराई नहीं हो सकती है। बिगड़े हुये रिश्ते पड़ोसियों से सुधारने ही चाहिए। मगर सुधारने की ललक में हमारे हितों की बलि नहीं चढ़नी चाहिए। हमने रिश्ते सुधारने का प्रयास किया, लेकिन जब भी हमें लगा कि हमारी सीमाओं पर अतिक्रमण का प्रयास हो रहा है, हमने आंख में आंख डालकर जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि देश में 1962 वाली स्थिति नहीं है। अमित शाह ने कहा कि रिश्ते सुधारने का प्रयास हमने पाकिस्तान से भी किया, चीन से भी किया था। लेकिन जब वो अलग तरीके से बर्ताव करेंगे, तो उस समय हमारा स्टैंड अलग होगा और देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए कटिबद्धिता का होगा, जो मोदी सरकार ने अच्छे ढंग से करके दिखाया है। भारत-चीन युद्ध को लेकर गृह मंत्री ने कहा कि मैं नहीं मानता ऐसी नौबत आएगी। अभी कूटनीतिक स्तर पर भी बात हो रही है और सेना के अधिकारियों के बीच भी बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि आशा करनी चाहिए कि एक अच्छा रास्ता निकल सामने आये, जिससे ये तनाव खत्म हो। उन्होंने आगे कहा कि मैं इतना कह सकता हूं कि भारत की एक इंच की भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं कर पायेगा, ये भारत सरकार का अटल निर्णय है।