सिंध, पाकिस्तान के दुर्गा मंदिर में तोड़फोड़, इस्लामिक कट्टरपंथियों ने माता की मूर्ति को किया खंडित
   24-अक्तूबर-2020
 
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 पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और हिंदू धर्म स्थलों को नुकसान पहुंचाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के नगरपारकर में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने नवरात्रि के पावन दिनों में बीते शुक्रवार की रात माता दुर्गा के प्राचीन मंदिर में तोड़फोड़ की है, साथ ही दुर्गा मां की मूर्ति को भी नुकसान पहुंचाया है। इस्लामिक कट्टरपंथियों ने ये हरकत तब की जब कुछ श्रद्धालुओं ने वहां नवरात्रि के मौके पर पूजा अर्चना की। कट्टरपंथियों ने मंदिर में घुस कर दुर्गा मां की मूर्ति के वाहन सिंह और उनके सर को तोड़ा है। पाकिस्तान की पत्रकार नायला इनायत ने घटना की तस्वीरें ट्वीट करते हुये बताया कि सिंध में अब एक और हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई। उन्होंने लिखा कि नगरपारकर में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई है और देवी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया। यह तब हुआ जब वहां समुदाय के कुछ लोगों ने नवरात्रि की पूजा अर्चना की। बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हिंदू धार्मिक स्थलों का निशाना बनाया है। इससे पहले भी कट्टरपंथियों ने कई बार अलग-अलग मंदिरों को नुकसान पहुंचाया है। लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान सरकार इसके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। जानकारी के मुताबिक इस घटना पर स्थानीय पुलिस से अभी तक एफआईआर भी दर्ज नहीं की है।
 


 




बता दें कि पाकिस्तान में हिंदू और सिख धर्म के कई ऐतिहासिक विरासत और धार्मिक स्थल हैं। लेकिन इस्लामिक कट्टरपंथी एक-एक करके सभी स्थलों को निशाना बना रहे हैं। हिंदू धर्म का एक ऐसा ही पवित्र स्थल पाकिस्तान के बलूचिस्तान में भी स्थित है। यह पवित्र मंदिर हिंगलाज माता का मंदिर के तौर पर जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक  जब भगवान शिव माता सती को गोद में लिये थे, उस समय विष्णु भगवान ने सती माता का सिर काटने के लिए चक्र फेंका था। उस चक्र ने सीधे जाकर सती माता का सिर काट दिया। कटने के बाद माता सती का सिर सीधे आकर पृथ्वी पर गिरा। कहा जाता है कि पृथ्वी पर माता का सिर इसी जगह पर गिरा था। बाद में इसे हिंगलाज माता के मंदिर के नाम से जाना जाने लगा। हिंगलाज मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान से 120 किलोमीटर की दूरी पर हिंगुल नदी के तट पर स्थित है। देवी के कुल 51 शक्तिपीठों में इस जगह का भी नाम शामिल है। बलूचिस्तान के मुसलमान भी हिंगला देवी की पूजा करते हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग हिंगलाज माता को नानी कहकर लाल कपड़ा, अगरबत्ती, मोमबत्ती, इत्र-फलुल और सिरनी चढ़ाते। हिंदूओं के लिए शक्तिपीठ होने के साथ-साथ यह स्थान मुसलमानों के लिए यह 'नानी पीर' का स्थान है। इस्लामिक कट्टरपंथियों ने यहां पर भी कई बार हमले का प्रयास किया है, लेकिन सफल नहीं हो सके। इस धार्मिक स्थल पर माता के दर्शन के लिए भारत से भी श्रद्धालु हर साल जाते हैं।