
श्रीनगर में पुलिस ने महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के दफ्तर को सील कर दिया है। साथ ही जेके पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया है। दरअसल पीडीपी पार्टी के कार्यकर्ता गुरुवार की सुबह श्रीनगर स्थित पार्टी कार्यालय में जमा हुये थे और जम्मू-कश्मीर में भूमि स्वामित्व अधिनियम संबंधी कानूनों में संशोधन और एनआईए द्वारा जारी छापेमारी का विरोध कर रहे थे। जिसके बाद प्रशासन और जेके पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुये पीडीपी के दफ्तर समेत आस-पास के एरिया को भी सील कर दिया है और कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। बता दें कि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती लगातार भूमि स्वामित्व अधिनियम संबंधी कानूनों में संशोधन का विरोध करके स्थानीय लोगों को बरगालने का प्रयास कर रही हैं। उनके इसी रवैये से नाराज पीडीपी के 3 नेताओं ने अभी हाल ही में पार्टी से इस्तीफा दिया था। पीडीपी के नेता टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन ए वफा ने इस्तीफा देने से पहले महबूबा मुफ्ती को लिखे एक पत्र में कहा था कि उनके कुछ कार्य और विशेषकर उनके कुछ बयान देशभक्ति की भावनाओं को आहत करने वाले हैं और उन्हें असहज महसूस करा रहे हैं। पीडीपी समेत कई अन्य दल राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा कश्मीर में बीते दो दिनों से जारी छापेमारी से डरे हुये हैं। दरअसल एनआईए की टीम द्वारा टेरर फंडिंग केस से जुड़े हुये लोगों पर शिकंजा कसता जा रहा है। आने वाले समय में कई बड़े नेताओं का नाम भी सामने आने की आशंका है।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुये कहा कि श्रीनगर में पीडीपी कार्यालय को जेके प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया है। साथ ही कार्यकर्ताओं को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि जम्मू में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी, लेकिन यहां पर क्यों नहीं दी गई। हालांकि बता दें कि बीते दिनों पुलिस ने श्रीनगर में लाल चौक पर झंडा फहराने गये बीजेपी के कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया था। वहीं महबूबा के तिरंगे वाले बयान पर विरोध अभी जारी है। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में तो पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती पर राजद्रोह व राष्ट्रध्वज के अपमान के आरोप में स्थानीय कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 27 नवंबर की तारीख दी है।