दर्शन कीजिए स्वयंभू कालका देवी मंदिर के, रियासी-जम्मू का प्राचीनतम हिंदू आस्था का केंद्र है ये धाम
   25-फ़रवरी-2020

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जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित स्वयंभू कालका देवी मंदिर हिंदूओं के पवित्र तीर्थस्थानों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण जम्मू रियासत के राजा रणबीर सिंह ने स्वयं कराया था। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यह एक चमत्कारी मंदिर है, जहां पर काली देवी माता स्वयं प्रकट हुई थी। आज भी इस मंदिर के दर्शन के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु आते है। यहां पर मन्नत मांगने वालों की हर मुराद पूरी होती है। रियासी जिले में रहने वाले स्थानीय नागरिकों का मानना है कि माता काली कई वर्षों से रियासी जिले की रक्षा कर रही है।
 
मंदिर का 150 वर्ष पुराना इतिहास
 
कालका माता मंदिर के पंडित भास्कर नंद ने बताया कि कालका देवी मंदिर लगभग 150 साल पहले बनाया गया था। जब उनके पूर्वज उत्तराखंड से रियासी आये थे। उन्होंने बताया कि कालका मंदिर की कहानी ब्रिटिश शासन के समय की है। उस वक्त उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के केलाड गाँव निवासी पंडित जगत राम ब्रिटिश सेना में सूबेदार थे। एक दिन वह हथियार, गोला-बारूद और खजाना ब्रिटिश अधिकारियों को देने के लिए क्वेटा (अब पाकिस्तान में) जा रहे थे। लेकिन तभी बीच रास्ते में उन्हें लुटेरों ने लूट लिया। जिसके बाद अंग्रेजों की सजा के डर से वह वहाँ से भागकर जम्मू चले गये थे।
उस समय महाराजा रणबीर सिंह ने जम्मू प्रांत रियासत के राजा थे। पंडित जगत राम ने महाराजा रणबीर सिंह से मिलकर उन्हें पूरी बात बतायी और अंग्रेजों से अपनी जान बचाने के लिए भीख मांगी। जिसके बाद राजा रणबीर सिंह ने उनके ऊपर दया करते हुये उन्हें रघुनाथ मंदिर जम्मू में रहने की जगह दे दी।
एक रात सोते समय पंडित जगत राम ने अपने सपने में देवी काली को देखा, जिन्होंने उन्हें रियासी आने और अपने मंदिर की देखभाल करने के लिए कहा था। इसके बाद पंडित जगत राम ने पूरा सपना महाराजा रणबीर सिंह को बताया। जिसके बाद महाराजा रणबीर सिंह ने उस मंदिर की मरम्मत कराकर पंडित जगत राम को वहां मंदिर की देखभाल के लिए भेज दिया था। जिसके बाद से आज तक उनकी पीढ़ी माता कालका देवी मंदिर की देखभाल करती है।
 
 
 
आज भी मां काली देवी मंदिर में कई स्थानीय लड़कियां सुबह के समय जाती है और श्रद्धालु उन्हें कंजकों के रूप में पूजते हैं और उन्हें मिठाइयाँ, चूड़ियाँ, चुनरी और पैसे आदि देते हैं। रियासी के स्थानीय लोगों का मानना है कि कालका माता ने हमेशा रियासी शहर को हर गलत चीजों और दुश्मनों से बचाया है।
 
 
मंदिर छोटा होने के कारण एक समय में एक दर्जन से अधिक लोग दर्शन नहीं कर सकते है। डोगरा शासकों के साथ-साथ रियासी के स्थानीय नागरिकों ने भी इस मंदिर को उच्च सम्मान दिया है, रोजाना बहुत से श्रद्दालु माता के दर्शन के लिए आते है। नवरात्र के समय मंदिर में श्रद्दालुओं की बहुत भीड़ होती है, उस वक्त श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए 2 से 4 घंटे तक का इंतजार करना पड़ता है।