कोरोना वायरस जितना खतरनाक साबित हो रहा है इंडिया का VIP कल्चर, क्रिमिनल लापरवाही के 4 उदाहरण
   20-मार्च-2020
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आज दुनिया में कोरोना वाइरस एक महामारी बन गया है और बहुत तेज़ी से फ़ैल रहा है. अब तक दुनिया में करीब 10064 लोगों की जाने जा चुकी है और 247595 लोग इससे संक्रमित हैं. भारत भी इस महामारी से अछूता नहीं रह सका और देश के लगभग सभी राज्यों में कोरोना से संक्रमित लोग पाए गए हैं. केंद्र और राज्य सरकारें इस महमारी की रोकथाम का हर संभव प्रयास कर रही हैं, परन्तु यदि आम जनता सहयोग नहीं करेगी तो इसके फैलने के लिए सरकारों को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. अचम्भे की बात यह है कि पढ़े लिखे, रसूखदार लोग और सेलिब्रिटीज ही सबसे ज़्यादा ग़ैरज़िम्मेदाराना हरकतें कर रहे हैं. पता नहीं क्यों, पर लोगों को लग रहा है कि आइसोलेशन में भेजे जाना जैसे सजा है, और अपनी रसूख का प्रयोग कर चेकिंग से भाग निकलना बड़ी वीरता और समझदारी का काम है.
 
 
 
 
आपको कुछ उदहारण देते हैं, जिससे मामले की गंभीरता और पढ़े लिखे लोगों की मूर्खता आप को पता चलेगी.
 
 
 
कश्मीर का ग़ैरज़िम्मेदार पुलिस आफ़िसर
 
 
 
जम्मू कश्मीर के एसएसपी इम्तियाज़ इस्माइल पराय की नेटिज़न्स तारीफ करते और 'प्राउड ऑफ़ यू' कहते नहीं अघा रहे हैं, ऐसा क्या पराक्रम किया एसएसपी इम्तियाज़ साहब ने?? तो जनाब, एसएसपी साहब की सास सऊदी अरबिया से लौटीं, और कोरोना टेस्ट में पोसिटिव पाई गयीं, यानि उन्हें कोरोना था. एसएसपी साहब ने ऐलान किया कि हालाँकि अपनी सास सेउनका कोई सीधा संपर्क नहीं हुआ, फिर भी एहतियातन उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया है. साथ ही उन्होंने बाकी सबको भी सावधान रहने की सलाह दी. एसएसपी साहब की इस ऐलान की बाद उनकी तरीफों की पुल बाँधे जाने लगे.
 
 
 
 
 
 
 
अब आपको इस ज़िम्मेदार एसएसपी कि सच्चाई बताएँ. जब इनकी सास श्रीनगर एयरपोर्ट पर उतरीं, तो बाकी पैसेंजर की तरह उनको भी टेस्ट कर 'क्वारंटाइन' यानि 'अलग थलग' रहने की जगह पर भेजा जाना था. पर ये तो एसएसपी इम्तियाज़ इस्माइल की सास थीं, कोरोना वायरस तो उन्हें प्रभावित कर ही नहीं सकता था, साथ ही कोरोना की लिए 'क्वारंटाइन' की लिए जाना उनकी शान के खिलाफ था, सो मोहतरमा को वीआईपी गेट से बिना किसी चेकिंग किये, बिना क्वारंटाइन सेण्टर भेजे, सीधे घर भेज दिया गया. कश्मीर रीडर के अनुसार इस महिला के रसूखदार रिश्तेदार के हस्तक्षेप से यह संभव हुआ. एसएसपी इम्तियाज़ की इस ग़ैरज़िम्मेदाराना हरकत का नतीजा यह हुआ कि जम्मू कश्मीर में कोरोना का वायरस पहुँच गया. इस केंद्रशासित प्रदेश में अब तक कोरोना का कोई भी पॉजिटिव केस नहीं था.
 
 
 
 
सो कोरोना वायरस को बिना चेकिंग घर और समाज तक पहुँचाने के बाद अगर एसएसपी इम्तियाज़ खुद को क्वारंटीन करते हैं तो वे तारीफ नहीं, सजा के हक़दार हैं. पुलिस अफसर की ज़िम्मेदारी लोगों को ग़लत काम से रोकने की होती है, कोरोना जैसी महामारी फ़ैलाने की नहीं. अफ़सोस इस बात का है कि ऐसी मूर्खता पूर्ण हरकतें कर आम जनता की जान जोखिम में डालने वाले ये अकेले नहीं हैं.
 
 
 
 
लापरवाह बॉलीवुड सिंगर का लोगों की जान से खतरनाक खेल -
 
 
 
आजतक में छपी खबर की अनुसार 15 मार्च को बॉलीवुड की मशहूर गायिका कनिका कपूर भी लन्दन से वापस आने पर कोरोना की चेकिंग से बचने की लिए पहले एयरपोर्ट के बाथरूम में छुप गयी. वहाँ से वो सीधे लखनऊ अपने घर चली गयी, और फिर अपने घर एक पार्टी में कई लोगों को बुलाया , जिसमें तमाम बड़े सरकारी अफसर और नेता भी शामिल थे. इसके बाद पता चला कि कनिका को फ्लू की लक्षण थे और वो कोरोना पोसिटिव पायी गयी है!! अब उनकी सोसाइटी में अफरा तफरी मच गयी है और लोग अपने घर छोड़ कर जाने के लिए मजबूर हो गए हैं. घर की सभी लोग, पार्टी में आये मेहमान, नौकर चाकर सभी की टेस्टिंग होगी.
 
 
 
 
कोलकाता की सरकारी नौकर की मूर्खता सब पर भारी-
 
 
ऐसा ही एक और किस्सा है कोलकाता की सेक्रेटरिएट में होम डिपार्टमेंट में ऊँचे ओहदे पर कार्यरत एक महिला अफसर के बेटे का. 18 साल का इनका बेटा 15 मार्च को लंदन से वापस आया, एयरपोर्ट पर चेकिंग में कोई लक्षण न दिखने पर उसे घर भेज दिया गया, लेकिन घर पर 14 दिन आइसोलेशन में रहने के बजाय यह लड़का शहर में घूमता रहा, अपनी माँ के साथ उनके दफ्तर भी गया. अब कोरोना पॉसिटिव पाए जाने पर परिवार के लोग, नौकर चाकर सभी को आइसोलेशन में रख दिया गया है.
 
 
 
 
कर्णाटक रेलवे की ऑफिसर का झूठ जानलेवा हो सकता है-
 
 
कर्णाटक रेलवे ने भी अपनी एक अफसर को सस्पेंड किया है, इस महिला का बेटा स्पेन से आया था, न केवल इस महिला ने उसकी स्पेन से आने की जानकारी छुपाई, बल्कि अपने बेटे को हुबली के रेलवे गेस्ट हॉउस में ठहराया. अब बेटा कोरोना पोसिटिव निकला नतीजतन बाकी सबकी भी टेस्टिंग हो रही है. ये सभी घटनाएँ पढ़े लिखे, उच्च वर्ग के रसूखदार लोगों की हैं. भारत जैसा देश जहाँ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जनसँख्या रहती है, जहाँ उपचार की संसाधन इतने सीमित है और जहाँ अभी तक यह महामारी बड़े स्तर तक नहीं पहुँची है, वहाँ हर व्यक्ति का यह कर्त्तव्य है कि पूर्ण सावधानी बरते और न केवल खुद को बल्कि अपने आस पास सभी को इस संक्रमण से बचाये. इन घटनाओं से हमें सबक लेना चाहिए और साथ ही जिन लोगों की लापरवाही के कारण यह वाइरस फैला उनके खिलाफ ठोस कदम उठाये जाने चाहिए या उनको कुछ न कुछ सजा दी जानी चाहिए, जिससे दूसरों को भी सबक मिले.