पाकिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन, पाकिस्तान आर्मी कोरोना वायरस मरीजों को जबरन भेज रही पीओजेके और गिलगिट- बल्तिस्तान
   27-मार्च-2020
 
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पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से कभी बाज नहीं आ सकता है। पाकिस्तान की सेना पंजाब प्रांत से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को जबरन पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर और गिलगिट बल्तिस्तान भेज रही है। बता दें कि पाकिस्तान की सरकार हमेशा से पीओजेके और गिलगिट बल्तिस्तान के नागरिकों के साथ सौतेला व्यवहार करती है। हालांकि पाकिस्तानी सेना के इस कदम का पीओजेके के स्थानीय लोगों ने विरोध किया है। लेकिन पाकिस्तानी सेना बंदूक की नोक पर उनकी आवाज दबा रही है और मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है। पाकिस्तानी आर्मी जबरन कोरोना मरीजों को गाड़ियों में भरकर पीओजेके और गिलगिट बल्तिस्तान भेज रही है। 
 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने आदेश दिया है कि सेना मुख्यालय और सेना परिवार के आस-पास कोरोना का कोई भी मरीज नहीं होना चाहिए। जिसके बाद पाकिस्तान आर्मी मीरपुर सहित पीओजेके में बने कई क्वारंटाइन सेंटर में कोरोना के मरीजों को जबरन वाहनों में भरकर भेज रही है।
 

स्थानीय लोगों ने किया विरोध, लेकिन नहीं मानी पाकिस्तानी आर्मी
 

पीओजेके में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों को रखने पर स्थानीय लोगों ने विरोध किया है। स्थानीय लोगों ने कहा कि उनके यहां पहले से ही स्वास्थ्य एवं अन्य जरूरी सुविधाओं का अभाव है। कोरोना मरीजों को यहां पर रखने पर पूरा क्षेत्र महामारी की चपेट में आ सकता है। लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान आर्मी ने उनकी एक भी बात नहीं मानी। बता दें कि पाकिस्तान को पीओजेके एवं गिलगिट बल्तिस्तान की फिक्र नहीं है क्योंकि राजनीतिक रूप से पाकिस्तान के लिए पंजाब अधिक अहमियत रखता है।
 

पीओके के राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ. अमजद अयूब मिर्जा ने कहा कि पाकिस्तान में शासन की कमी है, इसीलिए उन्होंने पूरे देश को सेना को सौंप दिया है। सेना अपने हितों के अनुकूल सभी व्यवस्था कर रही है।


पाकिस्तान में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1200 के करीब


पाकिस्तान में कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों की संख्या 1200 के करीब है। लेकिन पाकिस्तान सरकार इसको लेकर बिल्कुल भी सतर्क नहीं है। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अपने देश में कोरोना वायरस को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे है। वहीं कोरोना मरीजों को पीओजेक और गिलगित बल्तिस्तान भेजने से वहां पर महामारी फैलने की संभावना और बढ़ गई है। पाकिस्तान शुरू से पीओजेके और गिलगित बल्तिस्तान के नागरिकों के साथ सौतेला व्यवहार करता है।