ये हैं गलवान घाटी में वीरगति हासिल करने वाले 20 जवान, लिस्ट
   17-जून-2020

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लद्दाख के गलवान घाटी में बीते सोमवार की रात हुये हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गये थे। जिसमें कर्नल समेत हवलदार, नायब सूबेदार और सिपाही रैंक के जवान शामिल हैं। वहीं चीन के 40 से ज्यादा जवान मारे गये थे। गौरतलब है कि बीते कई दिनों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत-चीन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। भारत के प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और गृह मंत्री ने सभी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी है।
 


जानिए LAC पर शहीद हुये कर्नल समेत 20 जवान कौन हैं –


1.    कर्नल संतोष बाबू बीते सोमवार रात हिंसक झड़प में शहीद हो गये थे। शहीद कर्नल तेलंगाना के हैदराबाद के रहने वाले थे। शहीद कर्नल संतोष बाबू 16-बिहार रेजिमेंट में थे और वो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बीते डेढ़ साल से तैनात थे।
 
 
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2.    दूसरे जवान की पहचान 40 वर्षीय हवलदार के. पलानी के रूप में हुई है। शहीद जवान पलानी तमिलनाडु के मुदैरे ज़िले के रहने वाले थे। पलानी बीते 22 सालों से भारतीय सेना में थे। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई.के. पलानीस्वामी ने ट्वीट करके राज्य के जवान की मौत पर दुख जताया है।
 
 
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3.    शहीद जवानों में झारखंड के जवान कुंदन ओझा भी शामिल हैं। शहीद कुंदन झारखंड के साहिबगंज ज़िले के डिहारी गांव के रहने वाले थे। वो बिहार रेजिमेंट में थे। शहीद कुंदन बीते 8 वर्षों से भारतीय सेना मेंं थे।
 
 
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4.    शहीद नायब सूबेदार नदुराम सोरेन ओडिशा के मयूरभंज जिला के रहने वाले थे। नायब सूबेदार नदुराम बीते 24 सालों से सेना में थे।

5.    शहीद नायब सूबेदार मनदीप सिंह पंजाब राज्य के पटियाला के रहने वाले थे।  शहीद नायब सुबेदार बीते 23 वर्षों से सेना में थे।
 
 
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6.    शहीद नायब सूबेदार सतनाम सिंह भी पंजाब राज्य के गुरुदासपुर के रहने वाले थे। शहीद नायब सूबेदार सतनाम सिंह बीते 25 वर्षों से सेना में थे। 



7.    शहीद हवलदार सुनील कुमार बिहार राज्य के पटना के रहने वाले थे।

8.    शहीद हवलदार विपुल राय उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के रहने वाले थे। शहीद विपुल राय बीते 17 वर्षों से सेना में थे।

9.    शहीद नायक दीपक सिंह मध्य प्रदेश के रीवा शहर के रहने वाले थे। शहीद दीपक सिंह बीते 8 सालों से सेना में थे।

10.    शहीद जवान राजेश ओरंग बंगाल के बीरगम के रहने वाले थे। शहीद राजेश 2015 में भारतीय सेना में भर्ती हुये थे।

11.    शहीद जवान गणेश राम छत्तीसगढ़ के कांकेर शहर के रहने वाले थे।गणेश राम बीते 9 सालों से भारतीय सेना में थे।
 

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12.    शहीद सिपाही चंद्रकांता प्रधान ओडिशा के कंधमाल जिला के रहने वाले थे। शहीद सिपाही चंद्रकांता ने साल 2013 में भारतीय सेना में भर्ती हुये थे।

13.    शहीद सिपाही अंकुश ठाकुर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के रहने वाला थे। शहीद जवान अंकुश ठाकुर साल 2018 में पंजाब रेजीमेंट में भर्ती हुये थे।
 

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14.    शहीद सिपाही गुरबिंदर पंजाब के संगरूर जिले के रहने वाले थे। शहीद जवान गुरबिंदर साल 2018 में ही सेना में भर्ती हुये थे।

15.    शहीद सिपाही चंदन कुमार बिहार के भोजपुर के रहने वाले थे।  शहीद चंदन ने तीन वर्ष पहले 2017 में सेना में भर्ती हुये थे।

16.    शहीद सिपाही कुंदन कुमार भी बिहार के सहरसा शहर के रहने वाले थे। शहीद कुंदन कुमार बीते 8 सालों से सेना में थे।
 

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17.    शहीद सिपाही अमन कुमार भी बिहार के ही समस्तीपुर जिले के रहने वाले थे। शहीद सिपाही अमन साल 2014 में सेना में भर्ती हुये थे।

18.    शहीद सिपाही जय किशोर बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले थे। सिपाही जयकिशोर भी बीते 2018 में सेना में भर्ती हुये थे।

19.    शहीद सिपाही गणेश हंसदा झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला के रहने वाले थे। शहीद सिपाही गणेश बीते साल 2018 में ही सेना में भर्ती हुये थे।
 
 
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20.    शहीद सिपाही गुरतेज सिंह पंजाब के मानसा जिले के रहने वाले थे। शहीद गुरतेज भी बीते दो वर्ष पहले 2018 में सेना में भर्ती हुये थे।
 
 
 

पीएम नरेंद्र मोदी ने शहीद जवानों को नमन करते हुये कहा कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रुभता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई रोक नहीं सकता। इस बारे में किसी को भी जरा भी संदेह नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाने पर यथोचित जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि देश को इस बात का गर्व होना चाहिए कि वे दुश्मनों को मारते-मारते मरे हैं।
 
 


जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गलवान घाटी में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते शहीद हुए हमारे वीर सैनिकों को खोने का दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। देश हमारे अमर वीरों को नमन करता है, जो भारतीय क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए शहीद हो गए। उनकी बहादुरी भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।