22-23 जून, 2017- जब श्रीनगर जामिया मस्जिद के सामने जिहादी भीड़ ने ड्यूटी पर तैनात डीएसपी अयूब पंडित की थी हत्या
   01-अगस्त-2020
 
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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त होने और केंद्रशासित प्रदेश बनने से पहले एक दौर वो भी था, जब वहां पर इस्लामिक आतंकी खुलेआम सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की हत्या करते थे। करीब 3 साल पहले 22-23 जून, 2017 की रात भी श्रीनगर की जामा मस्ज़िद के बाहर सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारी मोहम्मद अयूब पंडित की जिहादी भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। वो रात रमज़ान महीने की पवित्र माने जाने वाली शब-ए-क़द्र की रात थी। डीसीएपी वहां रोज़ेदारों की सुरक्षा के लिए तैनात थे, अयूब मस्जिद में अंदर गये। जहां बताया जाता है कि अयूब नमाज़ पढ़ कर बाहर निकल रहे थे। तो मस्जिद की सुरक्षा को देखते हुए अयूब ने अहाते में अपने फ़ोन से तस्वीरें लेनी शुरू कर दीं, तभी वहां कुछ लोगों ने अयूब पंडित को रोका और उनसे पहचान पत्र मांगा। अयूब ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन लोग हाथापाई करने लगे। अयूब पंडित ने आत्मक्षा में पिस्तौल निकाली, लेकिन भड़काऊ भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। भीड़ में आवाज़ें आने लगीं कि वो सीआईडी का ऑफिसर है। भीड़ पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रही थी, और इस्लामिक स्टेट के जम्मू कश्मीर में आतंकी संगठन के मुखिया जाकिर मूसा जिंदाबाद के नारे लग रहे थे।
 
 
बता दें कि जिस वक्त अय्यूब पंडित को इस्लामिक भीड़ में शामिल लोग मार रहे थे, उस वक्त अलगाववादी नेता मीरवाइज मस्जिद के अंदर तकरीर दे रहे थे।
 
 
कुछ ही देर में भीड़ ने कपड़े फाड़ दिये और नोंच-नोंक एक बहादुर पुलिस ऑफिसर की ऑन-ड्यूटी नृशंस हत्या कर दी। पुलिस को अयूब का शव पूरी तरह से क्षत-विक्षत हालत में मिला था। इसके बाद शव को शिनाख़्त के लिए पुलिस कंट्रोल रूम लाया गया था। जब यह घटना घटी तब डीएसपी यूनिफॉर्म में नहीं थे। घरवालों से बातचीत के बाद पुलिस पहचान पाई कि वह डीएसपी हैं।
 
 
 
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 एक पुलिस ऑफिसर की ऑन-ड्यूटी हत्या के बाद पूरे देश में सनसनी मच गयी थी। जम्मू कश्मीर पुलिस ने इस मामले में मुहम्मद दानिश और मुदैस्सिर अहमद समेत दर्जनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। लेकिन मुख्य आरोपी साजिद अहमद गिलकर बताया गया, जोकि हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ सक्रिय था। साजिद को 12 जुलाई 2017 को एक एनकाउंटर में मार गिराया गया था।