J&K में कोई भी व्यक्ति नजरबंद नहीं, हिरासत में 223 लोग - गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी
जम्मू-कश्मीर में कोई भी व्यक्ति नजरबंद नहीं है। वहां पर अभी 223 लोगों को हिरासत में रखा गया है। गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को संसद में एक प्रश्न के जवाब में यह बात कही। वहीं जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त होने के एक वर्ष बाद सरकार द्वारा क्या परिवर्तन देखे गये हैं। इस सवाल के जवाब में जी किशन रेड्डी ने कहा कि अनुच्छेद 370 निरस्त होने और जम्मू-कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित राज्य पूरी तरह से राष्ट्र की मुख्य धारा से जुड़ गया है। जिसके बाद भारतीय संविधान में उल्लिखित सभी अधिकार और राष्ट्रीय कानूनों का लाभ जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को मिल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इस बदलाव से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों राज्यों के क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि अन्यायपूर्ण कानूनों के हटने से बीते कई सालों से भेदभाव झेल रहे लोगों को समानता का अधिकार मिला है।
संसद में विपक्ष द्वारा पूछ गये सवाल जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए इस वर्ष कुल कितनी निधि दी गई है और लोगों को रोजगार के कितने अवसर मिले हैं ? इस प्रश्न के जवाब में जी किशन रेड्डी ने कहा कि भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा विभिन्न स्कीमों के अंतर्गत जारी राशि के अतिरिक्त सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में 30,757 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। वहीं जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए वर्ष 2015 में घोषित प्रधानमंत्री के विकास पैकेज के अंतर्गत सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि, बागवानी, कौशल विकास क्षेत्रों आदि में जम्मू-कश्मीर के 54 और लद्दाख के 9 प्रमुख विकास परियोजनाओं के लिए 80,068 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं। वहीं हिमायत स्कीम के अंतर्गत 15142 उम्मीदवारों को आईटीईएस, बिक्री और ग्राहक सेवा आदि में प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। जिसके बाद बीते 31 जुलाई, 2020 तक 6763 युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं और 6556 युवा रोजगार प्राप्त कर चुके हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों क्षेत्रों में विभिन्न केंद्रिय स्कीमों समेत भारत सरकार की सभी फेलोशिप स्कीमों का कार्यान्वयन सक्रिय रूप से किया जा रहा है। वहीं गृह मंत्रालय ने संसद में बीते 1 साल में आतंकियों द्वारा घुसपैठ के आंकड़े भी बताये हैं। जिसके मुताबिक बीते अगस्त 2019 से इस साल जुलाई 2020 तक आतंकियों ने 111 बार घुसपैठ की कोशिश की है।