हिंदी भी होगी जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषा, जानिए केंद्र सरकार ने किन 5 भाषाओं पर लगाई मुहर
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में स्थानीय भाषाओं के सरंक्षण के लिए एक बड़ा अहम फैसला लिया है। जिसके बाद अब हिंदी भी जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषा होगी। इस फैसले को बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई है। प्रदेश में अब कश्मीरी, डोगरी, हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू भाषाओं को राजभाषा का दर्जा दिया गया है। सरकार के मुताबिक इसे अब लागू करने के लिए संसद के सत्र में एक विधेयक लाया जायेगा। यह सत्र 14 सितंबर से शुरू होने को है। बता दें कि बीते साल 5 अगस्त 2019 के बाद से ही राज्य में इन भाषाओं को आधिकारिक राजभाषा बनाने की मांग जारी थी।
कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया को बताया कि कैबिनेट ने संसद में जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक 2020 को लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसमें उर्दू, कश्मीर, डोगरी, हिंदी और अंग्रेजी राज्य की आधिकारिक भाषा होगी। सरकार ने यह फैसला जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद राज्य में समानता लाने के संदेश के साथ किया है।
गौरतलब है कि डोगरी भाषा मूल रूप से जम्मू डिविजन में बोली जाती है। साल 2001 में जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी तो डोगरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था। हालांकि इसके बावजूद यह भाषा जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषा नहीं थी। डोगरी भाषा मुख्य रूप से जम्मू संभाग के 10 जिलों में बोली जाती है। केंद्र सरकार द्वारा डोगरी को राजभाषा बनाने के प्रस्ताव से जम्मू डिविजन के लोगों को राज्य में एक समानता-एक विकास का संदेश भी मिलेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में 50 लाख के आसपास लोग डोगरी भाषा बोलते हैं। वहीं 2001 की जनगणना के अनुसार कश्मीरी बोलने वालों की संख्या 45 लाख से अधिक है।