जानिए डॉली मोहिउद्दीन की दर्दनाक कहानी, जिसका 1990 में जेकेएलएफ आतंकियों ने 2 दिनों तक सामूहिक बलात्कार किया और फिर नृशंस हत्या कर दी
   19-जनवरी-2021

DOLLY MOHIUDDIN Kashmir_1
 
 
1990 के दशक में कश्मीर घाटी में सिर्फ कश्मीरी हिंदू ही इस्लामिक जिहादियों के शिकार नहीं बने। उनके निशाने पर वो आम मुसलमान भी थे, जिसने कश्मीरी पंडितों के साथ थोड़ी भी हमदर्दी दिखाने की जुर्रत की थी। 1989 में कश्मीर की आज़ादी के नाम पर मुजाहिदीन आतंकियों ने कश्मीरी हिंदूओं को काफिर बताकर मारना शुरू कर दिया था। इसको लेकर कईं मुस्लिम परिवारों ने विरोध किया, तो मुजाहिदीन आतंकियों ने उनको भी “मुनाफिकुन” करार देकर मारना शुरू कर दिया गया, उस घर की औरतों के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। ऐसी ही एक दर्दनाक दास्तान है, डॉली मोहिउद्दीन की।
 
डॉली मोहिउद्दीन श्रीनगर के करन नगर इलाके में रहती थी। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के आतंकियों को शक हुआ कि डॉली मोहिउद्दीन इस्लामिक जिहादियों के खिलाफ है, तो जेकेएलफ के आतंकी फारूख अहमद डार अपने ग्रुप के साथ 5 मई को डॉली को अगवा कर लिया। आतंकियों ने डॉली को टॉर्चर करना शुरू किया, जेकेएलएफ को शक था कि वो सरकार के साथ मिली हुई है। लेकिन डॉली इन आतंकियों के सामने नहीं झुकीं।
 
इसके बाद आतंकी फारूख अहमद डार समेत तमाम आतंकियों ने बारी-बारी से कईं बार डॉली के साथ सामूहिक बलात्कार किया। वो लगातार 2 दिनों तक डॉली को मारते रहे, टॉर्चर करते रहे। मौत की कगार पर डॉली ने आतंकियों के सामने हार नहीं मानी। आखिरकार आतंकियों ने डॉली को कईं गोलियां मार उसकी हत्या कर दी और लाश को फेंककर फरार हो गये। 7 मई को पुलिस ने डॉली की लाश बरामद की। पुलिस ने मामला दर्ज किया, लेकिन फारूख अहमद डार कभी इस वहशियाना हरकत के लिए गिरफ्तार नहीं हुआ।