जम्मू-कश्मीर में उद्योग के माध्यम से विकास के लिए सरकार ने 28, 400 करोड़ रुपये की नई औद्योगिक नीति को प्रभावी बनाने का अहम फैसला किया है। नए साल में इस नई औद्योगिक नीति के लागू होने की घोषणा करते हुये उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि अगले 18 सालों में इस नीति से केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर की तकदीर बदल जायेगी। जम्मू में संवाददाता सम्मेलन में नई औद्योगिक योजना को लागू करने की घोषणा करते हुये उपराज्यपाल ने बताया कि इसके माध्यम से प्रदेश में बीस हजार करोड़ रुपयों का निवेश जुटाया जायेगा। यह योजना प्रदेश में साढ़े चार लाख लोगों को रोजगार देगी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत शहरों , कस्बों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों को अधिक महत्व दिया जायेगा व इस योजना के तहत ब्लॉक स्तर तक रोजगार मुहैया करवाने में मदद की जायेगी।
मनोज सिन्हा ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के तहत प्रदेश में रोजगार स्थापित करने वालों को चार तरह की राहतें दी जायेगी। नई औद्योगिक नीति के तहत 17 सेक्टरों को बल दिया जायेगा। यह पहली बार है जब जम्मू-कश्मीर में पर्यटन उद्योग को बढ़े पैमाने पर बल मिलेगा। सरकारी जमीन के साथ निजी जमीन पर उद्योग स्थापित करने में सहयोग मिलेगा। उपराज्यपाल ने बताया कि इस नीति को सफल बनाने के लिए तीन हजार एकड़ जमीन चिन्हित की गई है व लैंड बैंक बनाकर उद्योगों को बल देने की नीति भी तय की जा रही है।
वहीं सुरक्षाबलों को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में सराहनीय कार्य कर रहे सुरक्षाबलों का मनोबल नहीं गिराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लावेपोरा मुठभेड़ मामले में सारे तथ्य सामने आये हैं और उन पर गौर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी प्रकार का संदेह होने की स्थिति में जांच होना एक सामान्य प्रक्रिया है।