पाकिस्तान को FATF से फिर लगा झटका, ग्रे लिस्ट में रहेगा बरकरार
   22-अक्तूबर-2021

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फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स  (एफएटीएफ) की हुई ऑनलाइन बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखे जाने पर फिर से मुहर लग गई है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तालन तब तक 'ग्रे लिस्टा' में बना रहेगा, जब तक पाकिस्तान साबित नहीं कर देता कि हाफिज सईद और मसूद अजहर के खिलाफ ठोस और विश्व‍सनीय कार्रवाई की जा रही है। पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल एफएटीएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सरकार आतंकवाद के खिलाफ 34 सूत्रीय एजेंडे में से चार को पूरा करने में विफल रही है। एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने बताया कि पाकिस्ताीन को ग्रे लिस्टप में रखे जाने का फैसला एफएटीएफ की आनलाइन बैठक में लिया गया है। बता दें कि बैठक में एफएटीएफ के 205 सदस्य, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और संयुक्त राष्ट्र समेत कई पर्यवेक्षक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे।


मार्कस प्लेयर ने कहा कि हम चाहते हैं कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकी फंडिंग के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई पारदर्शी होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्ता न सरकार संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित आतंकी सरगनाओं और उनके सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। मार्कस प्लेयर ने कहा कि पाकिस्ताषन को दिखाना होगा कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकियों और उनके नेतृत्व वाले संगठनों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

बता दें कि बैठक में एफएटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्ताोन को 34-सूत्रीय कार्य योजना सौंपी गई थी जिसमें से 30 पर ही कार्रवाई की गई है। गौरतलब है कि एफएटीएफ ने जून में पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्टय' में रखा था। जिसके बाद एफएटीएफ ने पाकिस्ता।न को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों और उनके सरगनाओं पर मुकदमा चलाने के भी निर्देश दिए थे। लेकिन पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है।

एफएटीएफ ने पाकिस्ताभन के अलावा तुर्की पर भी कड़ी कार्रवाई की है। एफएटीएफ ने तुर्की को भी ग्रे लिस्ट  में रखा है। इसके अलावा जार्डन और माली भी इसी निगरानी सूची में रखे गए हैं। वहीं मारीशस और बोत्सवाना को इस सूची से बाहर कर दिया गया है। एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने कहा कि भले ही आतंकी फंडिंग रोकने के संदर्भ में तुर्की ने कुछ प्रगति की है, लेकिन अभी भी गंभीर मुद्दे बने हुए हैं। एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने बताया कि तुर्की को जटिल धन शोधन मामलों से प्रभावी ढंग से निपटने की सलाह दी गई है।