11 फरवरी, 2013, नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी हमले में शहीद गनर किशोर कुमार मुन्ना की कहानी
   11-फ़रवरी-2021
 
Martyr Ganar Kishor Kumar
 
 
गनर किशोर कुमार मुन्ना बिहार के बरमाहा गाँव के रहने वाले थे। वह मात्र 20 साल की उम्र में वर्ष 2013 में भारतीय सेना में शामिल हुए। सेना में उन्हें 278 फील्ड रेजिमेंट में शामिल किया गया था। अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद, गनर किशोर कुमार मुन्ना को जम्मू के पुंछ सेक्टर में तैनात किया गया था।
 
 
04 फरवरी 2018 को, दोपहर 3 बजे पाकिस्तानी सेना की टुकड़ियों ने पुंछ सेक्टर में सीमा पार से भारतीय चौकियों पर गोलीबारी शुरू कर दी। उस वक्त, गनर मुन्ना की टुकड़ी, 278 फील्ड रेजिमेंट को पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा के साथ आगे के क्षेत्र में तैनात किया गया था। पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और भारतीय सेना की विभिन्न चौकियों पर सीमा पार से भारी गोलाबारी की। इस भारी गोलाबारी में नियंत्रण रेखा (LoC) पर 21 लोग मारे गए, 50 से अधिक लोग घायल हुए और 50,000 से अधिक लोगों को उस क्षेत्र में अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर भागना पड़ा।
 
भारतीय सेना ने पाकिस्तान की गोलाबारी का जवाब दिया और कई घंटों तक दोनों तरफ गोलाबारी चलती रही। इस दौरान किशोर कुमार मुन्ना पाकिस्तानी सेना को मुँहतोड़ जवाब देने में लगे हुए थे, वो अपनी रायफल से दुश्मन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे थे, तभी उनके बहुत करीब एक बॉम्ब आकर फटा, जिस वजह से वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उसके बाद तुरंत उन्हें इलाज के लिए ऊधमपुर जिले के सैन्य अस्पताल में ले जाया गया। लेकिन, गनर किशोर कुमार की चोटें इतनी गहरी थी, जिसके कारण उन्होंने 11 फरवरी 2018 को अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। गनर किशोर कुमार एक बहादुर सैनिक थे, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपनी जान दी, हम उनकी शहादत को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।