2022 तक 6 हज़ार कश्मीरी हिंदूओं की घरवापसी का लक्ष्य, 100% लोगों के घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य हासिल, 2022 तक सभी घरों में पहुँचेगा पीने का पानी- केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह
   13-फ़रवरी-2021

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केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में जम्मू -कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 पर चर्चा का जवाब दिया।  अमित शाह ने कहा कि कई सांसदों का मानना है कि इस विधेयक को लाने का मतलब है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का इस विधेयक से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि वे जम्मू कश्मीर के लोगों से फिर वायदा करते हैं कि राज्य का विकास जो रूक गया था उसके पटरी पर आने के बाद उपयुक्त समय पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जायेगा। उन्होने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख को राजनीति का हिस्सा मत बनाइए। राजनीति करने के लिए बहुत सारी चीज़ें हैं लेकिन यह देश का संवेदनशील हिस्सा है। उनको कई बार घाव लगे हैं, उनके मन में शंकाएं पड़ी हैं जिन पर मरहम लगाना इस सदन का काम है।  अमित शाह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर हमारे दिल में है। नरेंद्र मोदी सरकार परिपत्रों,क़ानूनों और योजनाओं से नहीं चलती बल्कि भावना से चलती है और हम मानते हैं जम्मू कश्मीर हमारा है,आप हमारे हो,पूरा देश आपका है और पूरा देश आपके साथ खड़ा है।
 
 
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर संशोधन विधेयक कोर्ट में है और सर्वोच्च अदालत 5 जजों की बेंच बनाई है,आवश्यकता पड़ने पर सरकार अपना पक्ष रखेगी किंतु इसके कारण सरकार वहां का विकास रोक दे यह उचित नहीं है। उन्होने कहा कि अरुणाचल, गोवा और मिजोरम भी राज्य हैं और जहां विशेष प्रकार की भौगोलिक और प्रशासनिक परिस्थिति होती है वहां राज्य के विकास के लिए अधिकारी भेजने पडते हैं।  शाह ने एक सदस्‍य द्वारा उठाए गए सवाल पर कहा कि धर्म के आधार पर सरकारी अधिकारियों की संख्या को बांटना उचित नहीं है शाह ने कहा कि देश भर के अन्य राज्यों में भी आइएएस और आइपीएस अधिकारी है उनसे इन राज्यों के लोकल अधिकारियों का अधिकार नहीं जाता तो जम्मू कश्मीर में कैसे जाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में कोई बाहर का अफसर नहीं है सभी देश के अधिकारी हैं। कश्मीर के युवा को भी देश के ऑल इंडिया कैडर में आने का अधिकार है।
 
 
 
 
अमित शाह ने कहा कि  नरेंद्र मोदी की सरकार में देश के फैसले देश की संसद करती है और कोई बाहरी किसी प्रकार का दबाव नहीं बना सकता है। अफवाहों को रोकने के लिए समय की आवश्यकता थी इसलिए 4G से 2G किया गया। उन्होंने कहा कि सुख, शांति और सलामती से रहना हर नागरिक का सबसे बड़ा अधिकार है। अमित शाह ने कहा कि 370 और 35ए टेंम्‍परेरी एग्रीमेंट (temporary agreement)था लेकिन इसे सालों तक चलाया गया। । मोदी सरकार वोट बैंक की राजनीति से नहीं चलती बल्कि देश हित में फैसले करती है। शाह ने कहा कि देश की जनता को 1950 से वादा था कि देश में दो विधान,दो निशान और दो संविधान नहीं रहेंगे और मोदी सरकार ने उसको पूरा किया है।
 
 
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि धारा 370 हटाने के बाद मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में सबसे पहला काम पंचायती राज की पुर्नस्थापना की है। डॉक्टर अंबेडकर ने कहा था कि राजा रानी के पेट से पैदा नहीं होंगे, दलित, गरीब और पिछड़ों के वोट से पैदा होंगे जिसे अब साकार किया गया है।  शाह ने सदन को बताया कि जिला पंचायत के चुनाव में 51.7% वोटिंग हुई और कहीं पर भी गोली नहीं चलानी पड़ी, चुनाव में घपला और अशांति नहीं हुई और भयरहित होकर लोगों ने मतदान किया।  शाह ने कहा कि जिन्होंने धारा 370 हटाने का विरोध किया उनका साथ कश्मीर की जनता ने भी छोड़ दिया। शाह ने कहा कि वे सफल चुनावों के लिए वहां की जनता, सुरक्षाबलों और चुनाव आयोग को बहुत बधाई देना चाहते हैं कि मोदी जी ने जो करने की इच्छा रखी थी उसको सब ने मिलकर पूरा किया है।  शाह ने कहा कि कुल 4483 सरपंच निर्वाचन क्षेत्रों में से, 3650 सरपंच निर्वाचित हुए और 35029 पंच निर्वाचन क्षेत्रों में से, 23660 पंच निर्वाचित हुए। 3395 पंचायतों का विधिवत गठन हुआ और 1088 प्रशासक नियुक्त किए गए। विगत महीनों में पंचायतों को सुदृढ़ किया गया है और 21 विषय पंचायतों को सौंपे गए हैं। साथ ही पंद्रह सौ करोड़ रुपए उनके खाते में डाल कर उन्हें मजबूत किया गया जिनमें आईसीडीएस, आंगनवाड़ी, मनरेगा की मॉनीटरिंग और खनन का अधिकार संबंधी विषय शामिल हैं। इससे वह आत्मनिर्भर होंगे, अपने गांव का विकास करेंगे और यह सब धारा 370 हटने के कारण संभव हो सका है। 01 जून 2020-21 से, सरपंचों ने मनरेगा योजना के लिए भुगतान शुरू कर दिया है जिसके परिणामस्वरूप उन्हें इस वर्ष और लगभग 1000 करोड़ रुपए सौंपे जाएंगे। हाल के एक अन्य निर्णय में जम्मू और कश्मीर सरकार ने खनन अधिकार भी पंचायती राज संस्थानों को सौंप दिए हैं। निर्वाचित प्रतिनिधियों को मानदेय और अग्रता सूची में औपचारिक स्थान प्रदान किया गया– बीडीसी अध्यक्ष को डीएम के समान स्थान दिया गया।पंच-सरपंच की क्षमता संवर्धन के लिए प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है। सभी राज्य पदाधिकारियों को आवंटित पंचायतों के अंदर दो दिन, एक रात का प्रवास करना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
 
 
शाह ने का कि इन लोगों को वहां के अटके हुए विकास कार्यों को गति देने के लिए, पंचायतों का सशक्तिकरण करने का कार्य दिया गया है। लोगों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से 20,000 विकास परियोजनाओं की पहचान की गयी। अब तक तीन बार यह कार्यक्रम चलाया जा चुका है। पूरे जन अभियान और ब्लॉक दिवस के दौरान, पाँच लाख से अधिक प्रमाण पत्र जिनमें अधिवास, जन्म और मृत्यु तथा दिव्यांका शामिल हैं जारी किए गए हैं। लगभग 50,000 परिवारों को स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत कवर किया गया है। रोजगार कार्यक्रम के तहत 10,000 युवाओं को कवर किया गया, लगभग 6,000 कार्य शुरू किए गए हैं, युवाओं के बीच 4,400 खेल किट वितरित किए गए। प्रत्येक बुधवार को ब्लॉक दिवस आयोजित किया जाता है जिसे अब स्थायी संस्थागत रूप दिया गया है और इसे संघ राज्य क्षेत्र में 82 स्थानों पर आयोजित किया जाता है। गाँव की ओर वापस चलें की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों के लिए भागीदारी कार्यक्रम – संघ राज्य क्षेत्र के सभी शहरी स्‍थानीय निकायों में लगभग 6 लाख लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
 
 
 
 
 अमित शाह ने कहा कि जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने हैं तब से जम्मू- कश्मीर उच्चतम प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहा है, उसे कुछ शब्दों में बयान करना संभव नहीं है। प्रधानमंत्री का विकास पैकेज पीएम द्वारा घोषित एक मेगा विकास और पुनर्निर्माण पैकेज है। इसमें जम्मू कश्मीर के लिये 58627 करोड़ रुपये के परिव्यय की 54 परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि त्वरित पीएमडीपी योजना में जून 2018 में व्यय 26 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर 2020 में 54 प्रतिशत हो गया। इनमें से 20 परियोजनाएँ, जिनमें 7 केंद्रीय क्षेत्र और 13 संघ राज्य क्षेत्र द्वारा कार्यान्वित परियोजनाएँ शामिल हैं या तो पूर्ण हो गई हैं या काफी हद तक पूरी हो चुकी हैं। इस वित्त वर्ष के अंत तक 8 और परियोजनाओं के पूरा होने की संभावना है। दोनों एम्स का निर्माण शुरू हो गया है 8.45 किलोमीटर की बनिहाल सुरंग को शीघ्र खोला जाएगा। चिनाब नदी पर 359 मीटर ऊंचा पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। विश्वस्तरीय, सुरक्षित, विश्वसनीय और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए श्रीनगर और जम्मू शहरों के लिए एलिवेटेड लाइट रेल प्रणाली की योजना बनाई जा रही है। इस परियोजना के लिए 10,599 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार किया गया है। लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम (एलआरटीएस) जिसमें जम्मू में एक कोरिडोर और श्रीनगर में दो कोरिडोर होंगे, 4 वर्ष में पूरा हो जाएगा। परियोजना के डीपीआर को अंतिम रूप दिया गया है और मूल्यांकन और वित्तपोषण के लिए भारत सरकार को भेजा गया है।
 
 
अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर राज्य में हाइड्रोपावर की बहुत बड़ी संभावना है। उन्होने कहा कि हम आपकी तरह जम्मू कश्मीर को मंथर गति से नहीं चलाना चाहते बल्कि वहां के विकास को द्रुत गति से चलाना चाहते हैं। जम्मू और कश्मीर के पास प्रचुर जल संसाधन हैं– 14867 मेगावाट की कुल ज्ञात विद्युत क्षमता में से, पिछले 70 वर्षों में केवल 3504.90 मेगावाट का दोहन किया जा सका है। यूटी ने अब 2025 तक लगभग 3498 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता तैयार करने की योजना बनाई है। पिछले 2 वर्षों में ही लगभग 3000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं को फिर से शुरू किया गया है।
 
 

अमित शाह ने कहा कि सौभाग्य योजना के तहत जम्मू कश्मीर में शत प्रतिशत लोगों के घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है और 3,57,405 लोगों को 70 साल से बिजली नहीं मिल रही थी उन्हें 17 महीने में बिजली दी गई है। इस वर्ष 36 किलोमीटर लंबी 33 केवी लाइन बिछाकर एलओसी पर स्थित केरन और मुन्दिआन गांवों को ग्रिड से जोड़ दिया गया। उन्होने कहा कि सितम्बर 2022 तक सभी 18.16 लाख ग्रामीण परिवार पाइप द्वारा 100% जलापूर्ति से कवर हो जाएँगे। दो जिलों में शत-प्रतिशत घर कवर हो गए हैं; मार्च 2021 तक दो और जिले में शत-प्रतिशत घर कवर हो जाएंगे। मार्च 2022 तक नौ जिले कवर हो जाएंगे और बाकी सात जिले सितम्बर 2022 तक कवर हो जाएँगे। शाह ने कहा कि‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ (पीएमजीएसवाई) के तहत जम्मू और कश्मीर 2020-21 में 5300 कि.मी. सडकों का निर्माण होगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 17 महीनों में स्वास्थ्य संबंधी कई परियोजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है और शेष पर काम किया जा रहा है। पीएमडीपी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय से कुल 881.17 करोड़ रुपए की पूरी राशि प्राप्त हुई है, जिसमें से 754.13 करोड़ रुपए की राशि अब तक व्यय की जा चुकी है। पीएमडीपी के तहत 140 चालू/नई स्वास्थ्य परियोजनाएं शुरू की गयी हैं, 75 परियोजनाएं पूरी हो गयी हैं, 26 के वर्तमान वित्त वर्ष 2020-21 में और बाकी 39 के 2021-22 के दौरान पूरा होने की सम्भावना है। इनमें श्रीनगर में 500 बिस्तरों वाला नया बाल अस्पताल, जम्मू में 200 बिस्तरों वाले नए मातृत्व अस्पताल, जम्मू में नए हड्डी और जोड़ अस्पताल, जीएमसी जम्मू में 100 बिस्तर के आकस्मिक चिकित्सा ब्लाक, जम्मू में बालक और बालिका छात्रावास का निर्माण, जीएमसी श्रीनगर में नर्सिंग महाविद्यालय का निर्माण, 17 जिला अस्पतालों का निर्माण जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं शामिल हैं।
 
 
अमित शाह ने कहा कि एबी-पीएमजेएवाई- सेहत योजना के तहत जम्मू कश्मीर के सभी लोगों को पाँच लाख रुपये तक निशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने और स्वास्थ्य बीमा को समावेशी बनाने के लिए सरकार ने इस स्वास्थ्य बीमा योजना की परिकल्पना की है। यह कवरेज इस केंद्र शासित प्रदेश के सभी निवासियों को प्रदान किया गया है। इसके तहत जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के सभी निवासियों के लिए फ्लोटर आधार पर प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा दिया गया है। पीएम-जेएवाई का परिचालन विस्तार एबी-पीएमजेएवाई के तहत पहले से ही कवर किए गए 5.97 लाख परिवारों के अलावा लगभग 15 लाख अतिरिक्त परिवारों तक किया गया है और यह देश में अपनी तरह की पहली योजना है। इस योजना के तहत अब तक 20.02 लाख लाभार्थियों को पंजीकृत किया गया है, जिनमें से 1.91 लाख लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड जारी किए गए हैं। अब तक लगभग 41% परिवारों, जिनमें कम से कम एक सदस्य पंजीकृत है, का सत्यापन किया जा चुका है। पीएम-जेएवाई योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पताल इस योजना के तहत भी सेवाएं प्रदान करेंगे।
 
 
जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का इस विधेयक से कोई संबंध नहीं
 
जम्मू कश्मीर के लोगों से फिर वायदा करते हैं कि राज्य का विकास जो रूक गया था उसके पटरी पर आने के बाद उपयुक्त समय पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जायेगा
 
जम्मू कश्मीर और लद्दाख को राजनीति का हिस्सा मत बनाइए, राजनीति करने के लिए बहुत सारी चीज़ें हैं लेकिन यह देश का संवेदनशील हिस्सा है
 
उनको कई बार घाव लगे हैं, उनके मन में शंकाएं पड़ी हैं जिन पर मरहम लगाना इस सदन का काम है जम्मू और कश्मीर हमारे दिल में है नरेंद्र मोदी सरकार परिपत्रों,क़ानूनों और योजनाओं से नहीं चलती बल्कि भावना से चलती है और हम मानते हैं जम्मू कश्मीर हमारा है,आप हमारे हो,पूरा देश आपका है और पूरा देश आपके साथ खड़ा है
 
डॉ. अंबेडकर ने कहा था कि राजे, रानी के पेट से पैदा नहीं होंगे, दलित, गरीब और पिछड़ों के वोट से पैदा होंगे, जिसे अब साकार किया गया है
 
जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने हैं तब से जम्मू-कश्मीर उच्चतम प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहा है, उसे कुछ शब्दों में बयान करना संभव नहीं है
 
प्रधानमंत्री विकास पैकेज पीएम द्वारा घोषित एक मेगा विकास और पुनर्निर्माण पैकेज है, इसमें जम्मू कश्मीर के लिये 58627 करोड़ रुपये के परिव्यय की 54 परियोजनाएं शामिल हैं, इनमें से 28 परियोजनाओं को पूरा करने का काम लगभग समाप्त होने जा रहा है
 
जम्मू कश्मीर (संशोधन) विधेयक कोर्ट में है और सर्वोच्च अदालत ने 5 जजों की बेंच बनाई है, आवश्यकता पड़ने पर सरकार अपना पक्ष रखेगी
 
कश्मीर के युवा को भी देश के ऑल इंडिया कैडर में आने का अधिकार है, धर्म के आधार पर सरकारी अधिकारियों की संख्या को बांटना उचित नहीं है
 
जिला पंचायत के चुनाव में 51.7% वोटिंग हुई और कहीं पर भी गोली नहीं चलानी पड़ी, चुनाव में घपला और अशांति नहीं हुई और भयरहित होकर लोगों ने मतदान किया
 
मोदी सरकार वोट बैंक की राजनीति से नहीं चलती बल्कि देश हित में फैसले करती है विगत 17 महीनों में पंचायतों को सुदृढ़ किया गया और 21 विषयों को पंचायतों के हवाले किया गया और पंद्रह सौ करोड़ रुपए उनके खाते में डाल कर उन्हें मजबूत किया गया
 
हम जम्मू कश्मीर को आपकी तरह मंथर गति से नहीं द्रुत गति से चलाना चाहते हैं
 
जम्मू कश्मीर में शत प्रतिशत लोगों के घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य हासिल, 2022 तक सभी घरों में पहुँचेगा पीने का पानी, चार ज़िलों में काम पहले ही पूरा
 
सेहत योजना के तहत जम्मू कश्मीर के सभी लोगों को पाँच लाख रुपये तक निशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा
 
लगभग 50,000 करोड का पैकेज प्रधानमंत्री जी द्वारा आने वाले दिनों में लद्दाख को मिलने वाला है
 
 
शाह ने बताया कि जम्मू कश्मीर में एलजी के नेतृत्व में कोरोना से लड़ाई को सफलतापूर्वक लड़ा गया और टीकाकरण भी किया जा रहा है। 17 महीने में 7 नए मेडिकल कॉलेज की शुरुआत की जा चुकी है, जिसमें लगभग 1100 बच्चे जम्मू-कश्मीर के डॉक्टर बन कर स्वास्थ्य सेवा में आगे आएंगे। एक नर्सिंग कॉलेज को मंजूरी दे दी गई है और 5 नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना करने का प्लान है। शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने अलग-अलग लगभग 115 योजनाएं देश के दलित, गरीब, पिछडे, आदिवासियों के लिए बनाई थी जो वहां पर लागू नहीं थी किंतु राष्ट्रपति शासन लगने के बाद इन योजनाओं को कार्यान्वित किया जा रहा है। घर घर बिजली देने, गैस सिलेंडर देने सहित स्वच्छ भारत मिशन के तहत जम्मू और कश्मीर 100% ओडीएफ हो गया है। वित्त वर्ष 2019-20 में छात्रों की छात्रवृत्ति कवरेज तीन गुना हो गई है - लगभग 8 लाख छात्रों को डीबीटी के माध्यम से प्री-पोस्ट और योग्यता-सह-साधन छात्रवृत्ति और अन्य छात्रवृत्तियाँ प्रदान की गईं और इस प्रकार इसमें पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 250% की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। चालू वित्त वर्ष के दौरान दिसंबर 2020 तक विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत 9.5 लाख नए आवेदन प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री किसान योजना का लक्ष्य पूरा किया जा चुका है और डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर के माध्यम से किसानों को ₹6000 मिल रहा है। वहां के छात्रों को छात्रवृत्ति दी जा रही है और दिसंबर 2021 तक छात्रवृत्ति मिलने वाले छात्रों की संख्या आठ लाख को और लगभग 9.30 लाख बढा दिया जाएगा।
 
 
अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में उद्योग जगत के लिए सबसे बड़ा अवरोधक था कि कोई यदि वहां उद्योग लगाना चाहता था तो उसे जमीन नहीं मिलती थी किंतु 370 हटाने के बाद उद्योग आने के लिए प्रोत्साहन पैकेज नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत सरकार लाई है। जो लोग यहां यह कह रहे हैं कि वहां इंडस्ट्री नहीं आई वह लोग वहां अफवाह फैला रहे हैं कि आपकी जमीने चली जाएंगी। उन्होने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उद्योग आने से वहां किसी की जमीन नहीं जाएगी। सरकार ने जम्मू और कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दी है। पहली बार, कोई भी औद्योगिक प्रोत्साहन योजना औद्योगिक विकास को ब्लॉक स्तर पर ले जा रही है और इससे जम्मू और कश्मीर के दूर-दराज के क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। इस योजना की अवधि 28,400 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय सहित अधिसूचना की तारीख से वर्ष 2037 तक होगी। यह योजना नए निवेश, पर्याप्त विस्तार को प्रोत्साहित करेगी तथा जम्मू और कश्मीर में मौजूदा उद्योगों को पोषित भी करेगी। इसका उद्देश्य 4.5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना है तथा क्षेत्र का समता मूलक, संतुलित और सतत् सामाजिक आर्थिक विकास करना है। इससे जम्मू कश्मीर के विनिर्माण क्षेत्र के साथ-साथ सेवा क्षेत्र की इकाइयों को लाभ होगा। इस योजना से जम्मू एवं कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र की स्थानीय शक्तियों का इष्टतम उपयोग हो पाएगा।
 
 
अमित शाह ने कहा कि उद्योग जगत के विकास के लिए वहां लगने वाली इंडस्ट्री में 500 करोड़ तक के ऋण को सरकार द्वारा 6% ब्याज के साथ उपलब्ध कराया जाएगा, छोटे उद्योगों को सब्सिडी देने का भी प्रावधान किया गया है। जीएसटी संबद्ध प्रोत्साहनः प्लांट और मशीनरी (विनिर्माण में) अथवा भवन निर्माण तथा अन्य टिकाऊ भौतिक परिसंपत्तियों (सेवा क्षेत्र में) 10 वर्षों के लिए किए गए वास्ताविक निवेश के योग्य मूल्य का 300% होगा। एक वित्तीय वर्ष में प्रोत्साहन राशि प्रोत्साहन की कुल योग्य राशि के दसवे हिस्से से अधिक होगी। शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर आर्थिक आधार पर आत्मनिर्भर राज्य बने ऐसा प्रयास किया जा रहा है।  अमित शाह ने सदन को बताया कि ग्रामीण बीपीओ, आईटी टावर स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में जम्मू कश्मीर में एलजी के स्तर पर वैज्ञानिक तरीके से छोटे से छोटे व्यक्ति की शिकायतों की सुनवाई की जा सके ऐसा प्रयास किया जा रहा है
 
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नए भूमि कानून आने के कारण उद्योग के लिए एक सकारात्मक माहौल पैदा हुआ है जिसका जम्मू कश्मीर की जनता ने भी स्वागत किया है।  शाह ने कहा कि हम मानव अधिकार को वोट बैंक की नहीं बल्कि मानव अधिकार की ही नजर से देखते हैं। अमित शाह ने कहा कि विस्थापित और कश्मीरी पंडितों जिनके पास राशन कार्ड है उन्हें ₹13000 गुजारा भत्ता दिया जाता है, निशुल्क राशन दिया जाता है और कश्मीर घाटी में 3000 नौकरियां दे दी गई है बाकी की चयन प्रक्रिया जारी है जिन्‍हें 2022 तक पूर्ण किया जाएगा।
 
अमित शाह ने कहा कि लद्दाख को दो नए डिग्री कॉलेज दिए गए, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 5 नए टूरिस्ट सर्किट, सुदूर क्षेत्रों में सब्सिडाइज हेलीकॉप्टर की व्यवस्था शुरू करने और लगभग 7500 मेगावाट की क्षमता वाला देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा लगाने का भी प्लान किया गया है,इससे ढेर सारे लोगों को रोजगार भी मिलेगा। कारगिल हवाई अड्डे की फिजिबिलिटी स्टडी के लिए प्रशासन और विमानपत्तन विभाग के साथ एग्रीमेंट किया जा चुका है। मिशन एग्रीमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट के तहत सर्दियों में भी किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े ऐसी व्‍यवस्‍था की गई है। ई-गवर्नेंस गांव तक पहुंचाने के लिए ढेर सारी सुविधाएं शुरू की गई हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा टेक्निकल यूनिवर्सिटी का भी अनुमोदन कर दिया गया है। 70 साल के बाद लद्दाख को भी दिल्ली में अपना भवन बनाने के लिए मंजूरी दे दी गई है। उन्‍होंने कहा कि रोड कनेक्टिविटी में सुधार के लिए 578 किलोमीटर की सड़कों के निर्माण के लिए मंजूरी दे दी गई है। शाह ने कहा कि लगभग 50000 करोड का पैकेज प्रधानमंत्री जी द्वारा आने वाले दिनों में लद्दाख को मिलने वाला है।