पाकिस्तान ने अमेरिका से लगाई गुहार, भारत से बातचीत के लिए बाइडेन सरकार से मध्यस्थता की अपील

अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत असद मजीद खान ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की एडमिनिस्ट्रेशन से बड़ी गुहार लगाई है। असद मजीद ने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि भारत उसके साथ अमन बहाली के लिए बातचीत करे। लेकिन इसके लिए अमेरिका को मदद करनी होगी। दरअसल असद मजीद ने एक प्रोग्राम में कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे पड़ोस में अमन रहे। इस मसले पर बातचीत के लिए शांतिपूर्ण माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत सरकार की है। मजीद वॉशिंगटन के स्टिमसन सेंटर में भाषण दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि अमेरिका हम दोनों पड़ोसियों यानी भारत और पाकिस्तान के बीच अमन बहाली के लिए बातचीत शुरू कराए। भारत सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वो बातचीत के लिए अच्छा माहौल तैयार करे। हालांकि असद मजीद के इस बयान पर अब तक भारत सरकार ने कोई रिएक्शन नहीं दिया है।
इसके आगे असद मजीद ने सफाई देते हुए कहा कि फरवरी 2019 में भारत के पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था। भारत ने इसका आरोप पाकिस्तान पर लगाया था। भारत सरकार ने कहा था कि हमारे यहां आतंकी ट्रेनिंग कैम्प हैं और इनमें 300 दहशतगर्द ट्रेनिंग ले रहे हैं। उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि सच्चाई यह है कि भारत में सियासी फायदे के लिए पाकिस्तान को टारगेट किया जाता है। हमारे प्रधानमंत्री इमरान खान ने शांति के लिए बातचीत की बात कई बार दोहराई है। हम चाहते हैं कि भारत के साथ कारोबारी रिश्ते भी शुरू किए जाये।
बता दें कि बीते दो महीने में पाकिस्तान की तरफ से बार-बार भारत से बातचीत की इच्छा जाहिर की गई है। प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी दो बार खुले तौर पर बातचीत की अपील कर चुके हैं। हालांकि भारत ने अब तक इस पर कोई रिएक्शन नहीं दिया। इससे पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने कहा था कि पाकिस्तान और भारत को कश्मीर मुद्दे को गरिमापूर्ण और शांतिपूर्ण तरीके से हल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत को जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप गरिमापूर्ण और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए। इसके अलावा पीएम इमरान खान ने भी भारत के साथ बातचीत की पहल की थी। भारत ने अंतरराष्ट्रीय पर कई बार यह बात दोहराई है कि पाकिस्तान जब आतंक के खिलाफ कार्रवाई करेगा, तभी भारत और पाकिस्तान के बीच शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत संभव है।